MP News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों के बावजूद भी मध्य प्रदेश में प्रतिबंधित और फर्जी ग्रीन पटाखे (Green Crackers) की बिक्री हुई. जिसकी वजह से प्रदेश की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंची. इस मुद्दे को लेकर NGT ने प्रदेश के 5 बड़े शहरों के कलेक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
NGT के आदेश का उल्लंघन किया गया
जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से NGT में दायर की गई. इस याचिका में कहा गया की पूर्व में दायर की गई याचिकाओं पर NGT ने राज्य में प्रतिबंधित पटाखे, फर्जी ग्रीन पटाखे की बिक्री और भंडारण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया था. लेकिन NGT के आदेशों के बावजूद भी अधिकारियों ने इस मामले पर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया. जिसकी वजह से पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित पटाखे की बिक्री धड़ल्ले से हुई. ग्रीन पटाखे के नाम पर फर्जी ग्रीन पटाखे बेचे गए. जिसकी वजह से प्रदेश की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंच गई.
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5 जिलों के कलेक्टर्स से 6 हफ्ते में मांगा जवाब
प्रदेश के पांच बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो गई कि लोगों का सांस लेना भी दूभर हो गया. भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक लेवल पर पहुंच चुका था. ऐसी स्थिति में जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. याचिका में दी गई दलीलों के बाद NGT ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर के कलेक्टर को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी.