MP News: अमेरिकी कोर्ट ने बिजनेसमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. यह वारंट धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोप में जारी किया गया है. इस मामले पर MP PCC चीफ जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश मे मोर्चा खोला है. उन्होंने गौतम अडानी और प्रदेश के पूर्व मुख्यंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है.
25000 करोड़ रुपए जुटाए
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने जीतू पटवारी ने कहा कि अडानी ने अमेरिकी कंपनी एजयोर पावर के साथ मिलकर भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट बनाने की योजना बनाई थी. इस प्रोजेक्ट के नाम पर अमरीकन नागरिकों से 25000 करोड़ रुपए जुटाए गए. भारत में सोलर एनर्जी का ठेका पाने में दिक्कत आने लगी क्योंकि बिजली महंगी थी और कोई भी राज्य उस कीमत पर बिजली खरीदने के लिए तैयार नहीं था.
2 साल की जांच के बाद आरोपी सामने आया
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी जनता से इस प्रोजेक्ट के लिए एकत्रित किए गए 25000 करोड़ में से 2236 करोड़ रुपए भारत की विभिन्न सरकारों में घूस देने के प्रमाण अमेरिकी ग्रांड ज्यूरी ने सही पाए हैं. इसके आधार पर अडानी की कंपनी ने यहां पर पावर परचेज ऑर्डर बटोरे. जीतू पटवारी ने कहा कि अमेरिकी जांच एजेंसी FBI और मार्केट रेगुलेटर एसईसी (SEC) ने जांच की तो भारत में घूसखोरी और अमेरिकी निवेशकों से धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ. 2 साल की जांच के बाद अमेरिका की ग्रांड ज्यूरी ने अदानी को आरोपी पाया. उनके भतीजे सागर अदानी सहित उनके सहयोगियों के खिलाफ वारंट जारी किया है. 2 साल से चल रही है एफबीआई की जांच में यह भी सिद्ध हुआ है कि अडानी ने भारत के मार्केट रेगुलेटर सेबी से भी झूठ बोला. इस प्रकरण के संबंध में गुमराह किया.
रिश्वत लेकर मिला काम, अब जारी हो गया गिरफ्तारी वारंट
PCC चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि दुनिया जानती है कि अमेरिका में रिश्वत कांड में अडानी के खिलाफ जांच भी हो गई और गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो गया, किंतु भारत में इतनी बड़ी खबर आ जाने के बाद भी ना तो इस कंपनी के खिलाफ कोई जांच शुरू हुई और न ही सेबी ने पूछताछ की. न ही अडानी की कंपनियों के पावर परचेज ऑर्डर रद्द किए गए, जबकि भारत में भी रिश्वत मांगना एक अपराध है. रिश्वत देना एक अपराध है. क्या भारत की सरकार इस मुकदमे और जांच के आधार पर अमेरिकी सरकार से जांच के तथ्य मंगाकर भारत में भी रिश्वत और भ्रष्टाचार का मुकदमा अडानी की कंपनी पर दर्ज करेगी.
शिवराज के दौरान आधे-अधूरे प्रोजेक्ट पूरे किए, जमकर मिला जीवनदान
पटवारी ने कहा कि अडानी की कंपनी सदा से ही गुमराह करके भारतीय जनता पार्टी की सरकारों को लाभ पहुंचाने का काम करती रही है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश में भी शिवराज सरकार के दौरान और मोहन सरकार के दौरान लाखों-करोड़ों रुपए की निवेश के वादे करके इन सरकारों को जीवनदान देते रहने की कोशिश में अडानी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह की सरकार के दौरान लगभग 80000 करोड़ रुपए के निवेश करने के वादे मध्य प्रदेश में किए गए थे, जिसमें 500 करोड़ का फूड पार्क, 1500 करोड़ का लॉजिस्टिक पार्क, 39000 करोड़ के नवकारिणी ऊर्जा, 15000 करोड़ रुपए का सिंगरौली में पावर प्लांट, 3500 करोड़ रुपए का सीमेंट प्लांट देवास में, और 25000 करोड़ के केन बेतवा योजना में निवेश के वादे किए गए थे. इस तरह से 75000 करोड़ के वादे उज्जैन के कॉन्क्लेव में किए गए हैं. देश की जनता इन कंपनियों के सरकार पोषित समर्थन और आधे अधूरे तथ्यों के आधार पर शेयर की बढ़ती हुई कीमतों के कारण उनकी कंपनियों में लगातार निवेश करता रहा है.
देश के करोड़ों लोगों का पैसा डूबा एक दिन में ही करोड़ों का हुआ घाटा – पटवारी
जीतू पटवारी ने कहा कि अमेरिका में वारंट जारी होने के बाद भी भारत के गरीब निवेशकों के जिन्हें डिटेल निवेदक कहा जाता है एक दिन में ही 226531 करोड़ रुपया डूब गया है, जिससे गरीबों का, छोटे निवेशकों का और खुदरा व्यापारियों का जीवन यापन खतरे में पड़ गया है. अमेरिका में की गई इस धोखाधड़ी के कारण 600 मिलियन डॉलर के ब्रांड को अमेरिका में रिलीज किया जाना चाहिए. उन्हें भी एक दिन पहले बिक्री से अडानी कंपनी को वापस लेना पड़ा है. पूरी दुनिया में अडानी कंपनी की इस कारगुजारी के कारण भारतीय कॉरपोरेट जगत की प्रतिष्ठा और साख दांव पर लग गई है. प्रत्यक्ष में अडानी और उनके निवेशकों को जो घाटा हुआ है वह अपनी जगह है, लेकिन समूचे बाजार पर इसका असर होने से देश की नामचीन और ईमानदार कंपनियां भी लाखों-करोड़ों रुपए का नुकसान उठा चुकी हैं.