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MP Politics: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का मंथन जारी, नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी, सिंधिया के सामने ये हो सकते हैं उम्मीदवार

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नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी

MP Politics: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सामने उम्मीदवारों का संकट बना हुआ है. पार्टी नए चेहरों पर दांव लगाने को लेकर विचार-विमर्श कर रही है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर पर विधानसभा चुनाव हार चुके नेताओं को टिकट देने पर मंथन कर रही है. बता दें कि 2019 में भोपाल से दिग्विजय सिंह, ग्वालियर से अशोक सिंह और जबलपुर से विवेक तन्खा चुनाव लड़े थे. फिलहाल यह तीनों राज्यसभा सांसद हैं.

जानकारी के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस ने इंदौर, धार और टीकमगढ़ सीट पर तीन नामों का पैनल बनाया गया है. इन सीटों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) को फैसला लेना है. दिल्ली में 13 मार्च को होने वाली बैठक में इसपर मंथन होगा. सूत्रों के अनुसार,  कांग्रेस 8 सीटों पर नए चेहरों को उतार सकती है.

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मुरैना-सीधी के लिए उम्मीदवार की तलाश जारी

कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में मुरैना से रामनिवास रावत को टिकट दिया था और सीधी से अजय सिंह को मैदान में उतारा था. लेकिन दोनों ही नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. सबसे खास बात है कि 2023 विधानसभा चुनाव में रावत और सिंह जीतकर विधायक बन गए. ऐसे में दोनों की सीटों पर कांग्रेस नए व्यक्ति की खोज कर रही है.

सिंधिया के सामने होंगे रघुवंशी!

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर गुना से चुनाव लड़े थे. जिसमें कृष्ण पाल सिंह यादव ने उन्हें हरा दिया. अब सिंधिया भाजपा के टिकट से फिर से चुनावी मैदान में उतरे हैं. प्रदेश कांग्रेस चीफ  जीतू पटवारी कह चुके हैं कि यादव जैसा ही कोई योद्धा सिंधिया को हराएगा. अब कांग्रेस योद्धा की तलाश कर रही है. माना रहा है कि कांग्रेस वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट दे सकती है.

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इन्हें मिल सकता है टिकट

सूत्रों के अनुसार,  कांग्रेस ने छिंदवाड़ा से नकुलनाथ, बैतूल से रामू टेकाम, राजगढ़ से प्रियव्रत सिंह, बालाघाट से हिना कावरे, रतलाम से कांतिलाल भूरिया, गुना से वीरेंद्र रघुवंशी, धार से महेंद्र कन्नौज, देवास से विपिन वानखेड़े, सीधी से कमलेश्वर पटेल और ग्वालियर से प्रवीण पाठक को टिकट मिल सकता है.

आदिवासी सीटों पर मजबूत दावेदार

रतलाम- कांतिलाल भूरिया को रतलाम से टिकट दिया जा सकता है. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से भूरिया पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं. उन्होंने विधायक बनने के बाद दूसरी बार बेटे विक्रांत भूरिया के लिए चुनाव नहीं लड़ा. इस सीट पर विजय हर्ष गहलोत भी हैं लेकिन सीनियर नेता होने के चलते भूरिया को प्रत्याशी बनाया जा सकता है.

धार- हनी बघेल विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं. दिग्विजय सिंह के करीबियों में शामिल है. पैनल में धार सीट से सबसे आगे हनी का ही नाम है. इसके अलावा पांचीलाल मेड़ा और गजेंद्र सिंह राजूखेड़ा का नाम भी शामिल है.

बैतूल – साल 2019 के लोकसभा में रामू टेकाम को कांग्रेस ने टिकट दिया था. इस सीट पर टेकाम के अलावा निशा बांगरे को भी पार्टी टिकट देने पर विचार कर रही है. बांगरे राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी रह चुकी हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस दिया था.

मंडला- पूर्व विधायक अशोक मार्सकोले को कांग्रेस दे सकती है. इस सीट से भाजपा ने मौजूदा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को दिया है. आदिवासी सीट होने के कारण अशोक को टिकट देने पर मंथन किया जा रहा है. साथ ही नारायण पट्टा भी दावेदारों की सूची में शामिल है.

 

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