MP Politics: मध्य प्रदेश BJP की कमान हेमंत खंडेलवाल (Hemant Khandelwal) के हाथों में सौंप दी गई है. नए BJP प्रदेश अध्यक्ष हेमंत लंबे समय से संगठन में सक्रिय हैं. सांसद, विधायक, BJP प्रदेश कोषाध्यक्ष, अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनाव प्रवासी कार्यकर्ता प्रभारी समेत कई जिम्मेदारियों में रहे हेमंत खंडेलवाल प्रदेश में कमलनाथ सरकार के पतन के ‘खामोश सूत्रधार’ हैं. साल 2020 में जब प्रदेश में 15 महीने में ही कमलनाथ सरकार गिरी थी इस सियासी भूचाल में उन्होंने छिपा ‘दांव’ चला था.
कमलनाथ सरकार के पतन के ‘खामोश सूत्रधार’
साल 2020 में जब प्रदेश में सियासी भूचाल आया और महज 15 महीने में ही कमलनाथ की सरकार गिर गई. उस ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़कर BJP ज्वाइन कर ली थी. न सिर्फ सिंधिया बल्कि उनके साथ 22 विधायकों ने भी BJP का दामन थामा था. हेमंत खंडेलवाल ने सियासी हलचल के बीच BJP की तरफ से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में सभी विधायकों को रोका गया था. इन्हें रोकने की पूरी जिम्मेदी हेमंत पर थी.
15 महीने में गिर गई थी कमलनाथ की सरकार
साल 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव हुआ. इस चुनाव में प्रदेश की 230 विधानसभा सीट में से 114 सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की. वहीं, इस चुनाव में BJP को 109 सीट मिली थी, जबकि समाजवादी पार्टी (1 सीट), बहुजन समाज पार्टी (2 सीट) और 4 निर्दलीय सीट थीं. प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 116 सीट पर बहुमत की जरूरत थी. तब कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी (1 सीट), बहुजन समाज पार्टी (2 सीट) और 4 निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी. प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई थी.
इस सरकार में दो खेमे उभरे- एक दिग्विजय सिंह का और दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया का. सिंधिया एक प्रभावशाली नेता हैं और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में मजबूत आधार रखते हैं. उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से उन्हें अपेक्षित महसूस हुआ. इसके अलावा उनके समर्थकों और कुछ विधायकों में भी नाराजगी थी.
‘ऑपरेशन लोटस’
प्रदेश में कमलनाथ सरकार के बनते ही BJP इस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में थी. BJP ने ऑपरेशन लोटस चलाया. ज्योतिरादित्य सिंधिया बागी हो गए. उन्होंने इस्तीफा दे दिया. उनके साथ 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया, जिसमें 6 मंत्री भी शामिल थे. इस बीच कमलनाथ ने मंत्रिमंजल के दोबारा गठन की बात कही ताकि हालात को संभाला जा सके, लेकिन यह कदम उल्टा पड़ गया.
फ्लोर टेस्ट और इस्तीफा
इसके बाद कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट की मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया. इस फ्लोर टेस्ट में कमलनाथ बहुमत साबित नहीं कर पाए और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफे की घोषणा कर दी.
इन 22 कांग्रेस विधायकों ने दिया था इस्तीफा
1- प्रदुम्न सिंह तोमर
2- रघुराज कंसाना
3- कमलेश जाटव
4- रक्षा संत्राव, भांडेर
5- जजपाल सिंह जज्जी
6- इमरती देवी
7- प्रभुराम चौधरी
8- तुलसी सिलावट
9- सुरेश धाकड़
10- महेंद्र सिंह सिसोदिया
11- ओपी एस भदौरिया
12- रणवीर जाटव
13- गिरराज दंडोतिया
14- जसवंत जाटव
15- गोविंद राजपूत
16- हरदीप डंग
17- मुन्ना लाल गोयल
18- ब्रिजेंद्र यादव
19- मोहन सिंह राठौड़
20-बिसाहू लाल सिंह
21-ऐदल सिंह कसाना
22- मनोज चौधरी
