MP News: मध्य प्रदेश में भर्ती परिक्षाओं के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. नए कैलेंडर ईयर में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) पूरे साल में पांच भर्ती परीक्षाएं ही आयोजित कराएगा. वहीं कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) अब अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग एग्जाम नहीं लेगा बल्कि एक एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करेगा. इन महत्वपूर्ण बदलावों को लेकर ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है. दीवाली के बाद मुख्य सचिव स्तर की समिति में इसका प्रेजेंटेशन किया जाएगा.
योग्यता अनुसार होगी भर्ती
MPESB, मध्य प्रदेश में द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती के लिए संबंधित संस्था है. हर साल विभिन्न पदों के लिए एग्जाम आयोजित करता है, ये सालभर चलते रहते हैं. बोर्ड द्वारा अब GATE की तर्ज पर एलिजिबिलिटी टेस्ट लिया जाएगा. इस व्यवस्था के अनुसार एक परीक्षा आोयजित की जाएगी. इसके बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी. इसके बाद संबंधित विभाग मेरिट और योग्यता के हिसाब से उम्मीदवारों का चयन करेंगे.
बार-बार परीक्षा देने का झंझट खत्म
नई व्यवस्था लागू होने के बाद उम्मीदवारों को बार-बार परीक्षा देने के झंझट से मुक्ति मिलेगी. MPESB की नई व्यवस्था के तहत इसे हर उम्मीदवार दे सकेगा. इंजीनियरिंग, यांत्रिकी और माइनिंग जैसे पदों के लिए एक परीक्षा, मेडिकल और उच्च शिक्षा के लिए एक-एक परीक्षा आयोजित होगी. नए कैलेंडर के अनुसार 90 फीसदी भर्ती मामले इसी परीक्षा से निपट जाएंगे और 10 फीसदी मामले में विशेषज्ञ भर्ती अलग से आयोजित होगी. इस भर्ती परीक्षा के नंबर दो साल तक के लिए मान्य होंगे. हर साल 30 सितंबर से पहले विभागों को जरूरत के अनुसार वैकेंसी बतानी होगी.
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उम्मीदवारों को क्या फायदा होगा?
- MPESB के एलिजिबिलिटी टेस्ट में उम्मीदवार के सफल होने के बाद दो साल तक पात्रता होगी.
- दूसरे साल अभ्यर्थी परीक्षा देता है तो रैंक सुधरने पर वह उसी के साथ आवेदन कर सकता है.
- परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना कम होगी.
- क्वालीफाई उम्मीदवारों के नंबर पोर्टल पर रहेंगे और उसी आधार पर आवेदन भरे जाएंगे.
