MP News: मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाते हुए, आदेश जारी किया है कि अब स्कूलों के प्रिंसिपल और टीचर्स को ई-अटेंडेंस लगानी होगी. लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 22 अगस्त को जारी आदेश में कहा गया है कि शासकीय स्कूलों के शिक्षकों और प्राचार्यों को उपस्थिति मोबाइल एप से दर्ज करानी होगी.
‘हमारे शिक्षक’ के माध्यम से लागू होगी व्यवस्था
इस नई व्यवस्था की शुरुआत ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म ‘हमारे शिक्षक’ के माध्यम से शुरू की जाएगी. ये प्लेटफॉर्म सरकार का डिजिटल नवाचार है. इससे टीचर्स और प्रिंसिपल की अटेंडेंस, लीव्स, पेंशन और सेवा जैसी तमाम जानकारियां ऑनलाइन दर्ज की जाएंगी. विभाग का कहना है कि इस कदम से कामकाज में पारदर्शिता आएगी और जवाबदेही तय होगी. 1 जुलाई 2025 से यह प्रणाली प्रदेश के सभी जिलों में अनिवार्य कर दी गई है.
सख्त एक्शन लिया जाएगा
स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि इससे कार्य में पारदर्शिता आएगी. शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर नियमितता पर सतत नजर रखी जा सकेगी. इससे बच्चों की पढ़ाई में सकारात्मक असर पड़ेगा. फिलहाल सुदूर ग्रामीण इलाकों और दूरदराज के इलाकों में नेटवर्क में दिक्कत आ रही है जिस वजह से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने में समस्या आ रही है. इस समस्या के निदान के लिए विभाग की ओर से कहना है कि सही दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं विभाग की ओर से कहना है कि जो भी इस मामले में लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
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क्या हैं ई-अटेंडेंस का लाभ?
- अटेंडेंस को मेंटेन करने और रिकॉर्ड रखने में आसानी होगी
- स्कूलों में सुचारू रूप से कार्य हो सकेगा
- शिक्षा विभाग का डिजिटली परिवर्तन हो जाएगा.
- अनुपस्थित शिक्षकों की निगरानी की जा सकेगी
