MP SIR Implementation News: देश भर में बिहार की तर्ज पर मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) आयोजित किया जाना है. मध्य प्रदेश में इसके लिए तैयारी पूरी हो गई है. MP के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में सभी आवश्यक प्रक्रियाएं और तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
अगले महीने शुरू हो सकता है SIR
जानकारी के मुताबिक अगले महीने अक्टूबर में प्रदेश में वोटर लिस्ट के SIR का काम शुरू हो सकता है. इसके लिए प्रदेश में 65 हजार से ज्यादा बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है. साथ ही नए BLO की नियुक्ति के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि 23 साल पहले 2003 में हुए अंतिम SIR का डेटा चुनाव आयोग के CEO ने MP पोर्टल पर सार्वजनिक कर दिया है.
QR कोड जारी
चुनाव आयोग ने मतदाताओं की सुविधा के लिए एक विशेष क्यूआर कोड जारी किया है, जिसे स्कैन कर 1 जनवरी 2003 की SIR सूची में अपना नाम आसानी से खोजा जा सकता है. वर्तमान में MP में 5 करोड़ 65 लाख 94 हजार 963 मतदाता हैं. SIR में सबसे पहले यह जांचा जाएगा कि कितने मतदाताओं के नाम 1 जनवरी 2003 की अंतिम पुनरीक्षित सूची में हैं. ऐसे मतदाताओं को कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करना होगा.
2003 की सूची में नाम होने पर दस्तावेज की जरूरत नहीं
- 1987 के बाद जन्मे लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज दिखाने होंगे.
- जिनके नाम 2003 की SIR में हैं, उन्हें केवल अपनी जानकारी की पुष्टि और गणना प्रपत्र जमा करना होगा. कोई दस्तावेज नहीं देना होगा.
- जिनके माता-पिता में से कोई एक 1 जनवरी 2003 तक मतदाता सूची में था, उन्हें भी दस्तावेज नहीं देना होगा. उन्हें केवल माता-पिता का एपिक नंबर बताना होगा.
- 1987 के बाद जन्मे और 2003 के बाद मतदाता सूची में शामिल हुए लोगों को दस्तावेजों से यह साबित करना होगा कि वे भारतीय हैं और 2003 से पहले उनका या उनके माता-पिता का नाम मतदाता सूची में था.
SIR के लिए तैयारी पूरी
- प्रदेश में 11 हजार नए पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. प्रत्येक बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता होंगे.
- वर्तमान में मध्य प्रदेश में 65 हजार 14 पोलिंग बूथ हैं, जहां औसतन 1500 मतदाता प्रति बूथ हैं. नई गाइडलाइन के मुताबिक बूथों की संख्या 76 हजार से अधिक हो जाएगी.
- चुनाव आयोग ने बिहार में 25 जून से SIR शुरू किया था, जहां 25 जून से 26 जुलाई तक घर-घर सर्वे कर मतदाता सूची का सत्यापन किया गया.
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अब तक 15 बार हो चुका है SIR
- जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत अब तक 15 बार SIR हो चुकी है. पहली बार 1952 में और आखिरी 2003 में हुआ था.
- इस अधिनियम के तहत चुनाव आयोग समय-समय पर मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण करता है. इसमें BLO घर-घर जाकर यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई पात्र नागरिक सूची से छूट न जाए और कोई गलत व्यक्ति सूची में शामिल न हो.
