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MP News: विवाह सहायता योजना में बड़ा घोटाला, 30 करोड़ से ज्यादा का गबन, 7 जगहों पर ED ने मारा छापा

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ED (फाइल फोटो)

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में विवाह सहायता योजना में बड़ा घोटाले का खुलासा हुआ है. प्रदेश के विदिशा जिले के सिरोंज में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन कार्यक्रम में इस योजना के तहत 30 करोड़ से ज्यादा के गबन के आरोप लगे हैं. ED ने मामले की जांच करते हुए भोपाल-विदिशा समेत 7 जगहों पर छापा मारा है. साथ ही करीब 21.7 लाख की रकम फ्रीज की है.

विवाह सहायता योजना में बड़ा घोटाला

मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के सिरोंज में 2019 से 2021 के बीच विवाह सहायता योजना में हुए घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भोपाल, विदिशा, कटनी और छतरपुर में सात स्थानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई.

21.7 लाख की रकम फ्रीज

छापेमारी की कार्रवाई सिरोंज जनपद पंचायत के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शोभित त्रिपाठी और अन्य संबंधित स्थानों पर की गई है. इस दौरान संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए. साथ ही, शोभित त्रिपाठी और अन्य के 21.7 लाख रुपए के बैंक खाते और म्युचुअल फंड फ्रीज कर दिए गए, यानी कोर्ट के फैसले तक इस राशि का उपयोग नहीं हो सकेगा.

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ED ने भोपाल के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू की थी. आरोप है कि शोभित त्रिपाठी और अन्य ने मध्य प्रदेश सरकार की विवाह सहायता योजना में 5923 संदिग्ध विवाहों के नाम पर करीब 30.18 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की.

जांच में खुलासा

जांच में पता चला कि शोभित त्रिपाठी ने डेटा एंट्री ऑपरेटर योगेंद्र शर्मा और हेमंत साहू के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग किया. उन्होंने निर्माण श्रमिकों के परिवारों के लिए आवंटित धनराशि का गलत इस्तेमाल किया. जाली और मनगढ़ंत दस्तावेज तैयार कर पोर्टल पर अपलोड किए गए, जिनके जरिए अपात्र आवेदकों के बैंक खातों में सरकारी धनराशि ट्रांसफर की गई. बाद में यह राशि ATM के जरिए कई किश्तों में निकाली गई.

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निकाली गई राशि को शोभित त्रिपाठी, उनके परिवार और अन्य संबंधित व्यक्तियों/संस्थाओं के बैंक खातों में जमा किया गया. ED की जांच में यह भी सामने आया कि त्रिपाठी ने अपने रिश्तेदारों और उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खातों का उपयोग अपराध से प्राप्त धन को वैध दिखाने के लिए किया. इस राशि का इस्तेमाल विभिन्न भुगतानों, शेयर बाजार, म्युचुअल फंड और अचल संपत्तियों की खरीद में किया गया.

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