MPPSC Students: मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग (एमपीपीएसी) के इतिहास में पहली बार आयोग मुख्यालय पर अभ्यर्थियों ने 24 घंटे से ज्यादा विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का यह प्रदर्शन दो दिनों से लगातार चल रहा था. जो 6 फरवरी मंगलवार रात 11.30 बजे खत्म हुआ. बताया जा रहा है कि एमपीसीएसी पदाधिकारियों ने पुलिस को माध्यम बनाकर प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स से बातचीत की और उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद प्रदर्शन धरना बंद कर दिया गया.
रात 11:30 बजे पीएससी के बाहर चल रहा प्रदर्शन खत्म हुआ। उम्मीदवारों की और पीएससी के पदाधिकारी की पुलिस ने टेलिफोनिक बात कराई । पुलिस को उम्मीदवारों ने ज्ञापन दिया और बात हुई की 24 सर 48 घंटे के भीतर उनके ज्ञापन पर पीएससी विचार करके फैसला लेगा pic.twitter.com/2iZn8wYhEa
— SanjayGupta_Journalist (@sanjaygupta1304) February 6, 2024
मांगें पूरी नहीं हुईं तो फिर करेंगे प्रदर्शन
हालांकि 30 घंटे से ज्यादा धरना प्रदर्शन करने वाले स्टूडेंट्स ने कहा है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो फिर से धरना प्रदर्शन करेंगे. बता दें कि बिना किसी राजनीतिक दल, छात्र संगठन के समर्थन के अभ्यर्थी 5 फरवरी सोमवार को दोपहर से विरोध प्रदर्शन करने मुख्यालय पहुंचे थे. अधिकारी उनकी बात सुनने बाहर नहीं आए तब तक छात्र-छात्राएं नहीं हटे. पुलिस की निगरानी के बीच 50 से ज्यादा अभ्यर्थी रात भर पीएससी के मुख्यद्वार के सामने धरना देते रहे.
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एमपीसीएसी के छात्रों की मांग
5 फरवरी सोमवार को दोपहर में काफी संख्या में स्टूडेंट्स आयोग के ऑफिस पहुंचे. स्टूडेंट्स ने तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की .एमपी पीएससी से अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय देने की मांग कर रहे हैं. दरअसल मुख्य मरीक्षा के लिए सिर्फ 45 दिनों का समय दिया गया है. इस बात से स्टूडेट्स नाराज हैं. उनका कहना है कि शासन हमारी सुनवाई नहीं कर रहा है. स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इसके अलावा 2019-20 के रोके गए 13 प्रतिशत रिजल्ट को भी जारी करने के लिए स्टूडेंट्स मांग कर रहे थे.इसको लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था.
पहली बार ऐसा विरोध
बताया जा रहा है कि एमपी पीएससी के इतिहास में पहला मौका है. जब मुख्यालय के बाहर रात भर विरोध जारी रहा. 30 घंटे तक अभ्यर्थी विरोध करते रहे, तो यह अपने आप में अनूठा प्रदर्शन था. अभ्यर्थी न केवल परीक्षा आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं बल्कि दोषपूर्ण अधूरे रिजल्ट का विरोध भी कर रहे हैं. वो राज्यसेवा में पद बढ़ाने की मांग भी कर रहे थे.