Indore News: सेंट्रल जीएसटी और एक्साइज कमिश्नरेट, इंदौर ने गुटखा कारोबार से जुड़े किशोर वाधवानी समेत कई अन्य व्यक्तियों और कंपनियों पर करीब 1946 करोड़ रुपए की भारी-भरकम टैक्स डिमांड जारी की है. इसे अब तक मध्य प्रदेश में किसी कारोबारी पर लगाया गया सबसे बड़ा टैक्स डिमांड माना जा रहा है.
विभाग ने इन लोगों को भी भेजा नोटिस
यह नोटिस एलोरा टोबैको, दबंग दुनिया पब्लिकेशन, विनायका फिल्टर्ड प्राइवेट लिमिटेड, शिमला इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, रानी प्रेस प्राइवेट लिमिटेड सहित कई अन्य कंपनियों और व्यक्तियों, जैसे श्याम खेमानी, अनमोल मिश्रा, धर्मेंद्र पीठादिया, राजू गर्ग, देवेंद्र द्विवेदी, विनोद बिदासरिया, रमेश परिहार, जौहर हसन, एनजी ग्राफिक्स एंड ब्लॉक मेकर्स आदि को टैक्स चोरी में संलिप्त पाए जाने के आधार पर भेजा गया है.
सिगरेट और पान मसाले की बिक्री पर चोरी किया टैक्स
जांच में सामने आया कि 2017 से 2020 के बीच इन इकाइयों ने अवैध रूप से सिगरेट और पान मसाले का उत्पादन व बिक्री कर टैक्स से बचने की कोशिश की. अलग-अलग अवधियों में हुई टैक्स चोरी का कुल आंकड़ा 1946.23 करोड़ रुपए तक पहुंचा, जबकि 76.67 करोड़ रुपए की एक्साइज ड्यूटी भी चुकाई नहीं गई.
2020 में विभाग ने की थी छापेमारी
इस मामले की शुरुआत जून 2020 में हुई थी, जब विभाग ने संबंधित कंपनियों और ठिकानों पर छापेमारी की थी. जांच के बाद कमिश्नरेट ने 151 करोड़ की जीएसटी और 76 करोड़ की एक्साइज ड्यूटी चोरी का नोटिस भेजा था. आरोपी पक्ष ने इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी और इसे मामला लटकाने की कोशिश बताते हुए 2 लाख रुपए का दंड भी लगाया.
सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी थी अपील
इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां 2 दिसंबर 2025 को अपील को निरस्त कर दिया गया. शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए विभागीय कार्रवाई को सही ठहराया. इसी निर्णय के बाद 6 दिसंबर को 2002 करोड़ रुपए का अंतिम टैक्स डिमांड नोटिस जारी किया गया, जिसमें एक्साइज ड्यूटी की 75.67 करोड़ की देनदारी भी शामिल है.
यह पूरी कार्रवाई 2020 में डीजीजीआई द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन कर्क’ की जांच पर आधारित मानी जा रही है, जिसके दौरान वाधवानी और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर कई छापे भी मारे गए थे.
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