MP News: उज्जैन के बाबा महाकाल मंदिर में होने वाली भस्मारती विश्व प्रसिद्ध है. इस आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालु देश-दुनिया से शामिल होते हैं. भस्मारती और उसके बाद किए जाने वाले श्रृंगार के दर्शन के लिए भक्त आरती में शामिल होते हैं. इस आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन करना होता है. इस महीने यानी 26 दिसंबर से 2 जनवरी तक भस्म आरती के लिए ऑनलाइन बुकिंग बंद रहेगी.
नए साल को देखते हुए लिया गया फैसला
बाबा महाकाल मंदिर समिति ने निर्णय लिया है कि 26 दिसंबर से 2 जनवरी तक भस्म आरती के लिए ऑनलाइन बुकिंग बंद रहेगी. इसके पीछे जो सबसे कारण बताया जा रहा है क्रिसमस और नए साल की छुट्टियां हैं. क्रिसमस से न्यू ईयर तक की छुट्टी है जिसके कारण श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आएंगे. पिछले साल इसी समय हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे.
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ऑफलाइन बुकिंग के लिए मात्र 300 स्लॉट
भस्मारती के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग की जाती है. ऑनलाइन बुकिंग के लिए 1400 स्लॉट और ऑफलाइन बुकिंग के लिए 300 स्लॉट हैं. लेकिन 26 दिसंबर से 2 जनवरी तक बुकिंग के लिए 300 स्लॉट उपलब्ध रहेंगे. इसके लिए त्रिवेणी संग्रहालय के पास स्थित पिनाकी द्वार के पास एक काउंटर बनाया गया है. जहां रोजाना रात 10 बजे से ऑफलाइन अनुमति के लिए फॉर्म उपलब्ध होंगे.
भस्मारती क्यों इतनी विशेष है?
12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का अपना विशेष स्थान है. बाबा महाकाल एक मात्र ज्योतिर्लिंग है जहां भस्म आरती की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन समय में आरती मुर्दे की राख से की जाती थी. ये आरती सुबह 4 बजे होती है. शास्त्र में कहा गया है कि महाकाल श्मशान के साधक हैं.
मान्यता के अनुसार भस्म ही महाकाल का श्रृंगार है. आज भस्म के रूप में कपिला गाय के गोबर से बने कंडे, शमी, पीपल, पलाश, बड़, अमलतास और बेर की लकड़ियों को जलाकर तैयार किए गए भस्म का इस्तेमाल की जाती है.