Patalpani Heritage: मध्य प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि अब उसका ऐतिहासिक पातालपानी से कालाकुंड रेलमार्ग हेरिटेज ट्रैक के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है. रेल मंत्रालय ने इस खूबसूरत मार्ग को आधिकारिक रूप से हेरिटेज घोषित करते हुए पातालपानी रेलवे स्टेशन से कालाकुंड स्टेशन तक के 9.5 किलोमीटर लंबे सेक्शन को इस श्रेणी में शामिल किया है. यह घोषणा रेल मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में की गई, जिस पर रेलवे बोर्ड की कार्यकारी निदेशक आशिमा महरोत्रा ने हस्ताक्षर किए.
अपनी सुंदरता के लिए है लोकप्रिय
यह रेल ट्रैक अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए खास पहचान रखता है. घने जंगलों और ऊंचे-नीचे पहाड़ों के बीच से गुजरने वाला यह मार्ग पर्यटकों के बीच लंबे समय से लोकप्रिय है. मानसून के दौरान यहां चलाई जाने वाली हेरिटेज ट्रेन इस मार्ग की सुंदरता को और भी खास बना देती है. पातालपानी वाटर फॉल को देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक आते है और झरने के साथ यहां की प्राकृतिक सोंर्दय का भी लुफ्त उठाते हैं.
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रेलखंड का इतिहास
इस रेलखंड का इतिहास भी काफी पुराना है. पातालपानी-कालाकुंड मीटर गेज सेक्शन की शुरुआत 1 जुलाई 1878 को हुई थी, यानी लगभग 147 साल पहले. पश्चिम रेलवे का यह पहला रूट है, जिसे हेरिटेज का दर्जा दिया गया है. अब इस मान्यता के बाद यहां पर्यटन की संभावनाएं और अधिक बढ़ेंगी तथा प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी.
पातालपानी वाटर फॉल को टाइगर फॉल के नाम से भी जाना जाता है. इस झरने को लोग पाताल की गहराई तक जाने वाला झरना कहते हैं. इस वाटर फॉल की गहराई इसे रहस्यमयी बनाती है. झरने की गहराई काे आज तक कोई नहीं नाप पाया है और यही कारण है जिसकी वजह से लोग इसे पाताल तक गहरा मानते हैं.
