MP News: एमपी में स्मार्ट मीटर लोगों को झटके पर झटके दे रहे हैं. बढ़ते हुए बिल से लोग सबसे बहुत परेशान हो चुके हैं. पिछले दो से तीन महीने में लगातार बिजली विभाग में शिकायतें बढ़ रही हैं, लेकिन फिर भी स्मार्ट मीटर की दिक्कतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. हालांकि जिन उपभोक्ताओं ने शिकायत की है, वहां पर बिजली कंपनियों ने रेगुलर चेक मीटर लगाए हैं ताकि यह पता चल सके कि स्मार्ट मीटर ज्यादा रीडिंग तो नहीं दे रहा है.
राजधानी भोपाल में स्मार्ट मीटर और बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर कई विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं. लोगों की शिकायत है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से ही उन्हें भारी-भरकम बिल थमाए जा रहे हैं. बिजली कंपनी अब तक शहर में डेढ़ लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगा चुकी है. ये मीटर बिजली चोरों पर भारी पड़ रहे हैं, वहीं 12 इलाकों के 508 उपभोक्ताओं को 1.50 करोड़ रुपए के बिल थमा दिए गए हैं.
पुराने शहर में जिन उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर लगवाए हैं, उनके लिए सबसे ज्यादा समस्या बढ़े हुए बिजली बिल की आ रही है. स्थानीय स्तर पर किसी भी शिकायत पर सुनवाई नहीं हो रही है. लोगों का कहना है कि पहले की अपेक्षा अब उन्हें 2 से 3 गुना ज्यादा बिल चुकाना पड़ रहा है, जिससे परेशानी बढ़ गई है.
भोपाल में ऐसे ही एक मकान की पड़ताल करने पर सामने आया कि 40 बाई 10 के छोटे से घर में केवल एक पंखा और तीन बल्ब का इस्तेमाल होता है, लेकिन फिर भी 2 से ढाई हजार रुपए का बिल आ रहा है. घर की महिला ने बताया कि पहले 300 से 400 रुपए तक का बिल आता था, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद अब बिल 2000 रुपए से ज्यादा आ रहा है.
कंपनियों ने बताए स्मार्ट मीटर के फायदे
सिक्योरिटी मनी से छूट और पहले से जमा सिक्योरिटी मनी से पहला रिचार्ज.
मौजूदा टैरिफ के अनुसार घरेलू और गैर-घरेलू बिल में 25 पैसे प्रति यूनिट की छूट.
हर भुगतान पर बिल राशि के 0-5 प्रतिशत (न्यूनतम 5 रुपए) की छूट.
घरेलू श्रेणी में छूट की कोई अधिकतम सीमा नहीं, जबकि अन्य श्रेणियों में छूट की अधिकतम सीमा 20 रुपए.
मीटर में बैलेंस खत्म होने के बाद भी अगले 3 दिन तक बगैर डिस्कनेक्शन के रिचार्ज की सुविधा.
हर 15 मिनट में बिजली खपत और लोड की जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध, जिससे बिजली बचत हो सके.
ऊर्जा मंत्री का बयान
स्मार्ट मीटर की समस्या पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि जहां-जहां शिकायतें मिल रही हैं, उनका निराकरण किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि हम रूटिंग मीटर भी लगा रहे हैं और अगर बिल ज्यादा आ रहा है तो उस पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
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राज्यभर में शिकायतें जारी
मध्य प्रदेश में अब तक करीब 16 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. अधिकांश जिलों में स्मार्ट मीटर को लेकर शिकायतें सामने आई हैं. यहां तक कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस पर आपत्ति जताई है. अकेले मध्य वितरण कंपनी ने 7000 से अधिक चेक मीटर लगाए हैं, लेकिन इसके बावजूद शिकायतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है और लोग ज्यादा बिल की समस्या से जूझ रहे हैं.
