Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन की खरीदी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदारी का फैसला कर लिया है. मोहन कैबिनेट की बैठक में सोयाबीन उपार्जन नीति को मंजूरी दे दी गई है. इसके तहत 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2024 तक सोयाबीन की खरीदी की जाएगी. इस नीति के अंतर्गत 4892 रुपये प्रति क्विंटल का MSP घोषित किया गया है. पंजीकरण की प्रक्रिया 25 सितंबर से 20 अक्टूबर तक चलेगी, जिसके बाद 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक उपार्जन केंद्रों पर सोयाबीन की खरीदी होगी. इसके लिए राज्यभर में 1400 उपार्जन केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
व्यापारियों की प्रतिक्रिया
व्यापारियों का कहना है कि उन्हें भी इस प्रक्रिया में लाभ मिलना चाहिए. उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि वर्तमान में 25% तक क्लेम काटा जा रहा है. उनका कहना है कि वर्तमान में गीली सोयाबीन की कीमत 4400 रुपये प्रति क्विंटल है, जिसमें 30% तक नमी होती है, जिसे सुखाने में बहुत समय लगता है. अगर व्यापारियों ने सरकार के तय भाव पर सोयाबीन नहीं खरीदी, तो बाजार में असंतुलन आ सकता है. उनका मानना है कि किसानों को उचित लाभ मिलना चाहिए और सरकार का यह निर्णय सही दिशा में कदम है. पिछले दो सालों से किसान परेशान हैं, इसलिए उन्हें सही दाम मिलना आवश्यक है.
किसानों की प्रतिक्रिया
किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा घोषित MSP (4892 रुपये) उनकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं है. उनका मानना है कि यह मूल्य उनकी उत्पादन लागत को भी पूरा नहीं करता. किसानों ने मांग की है कि MSP कम से कम 6000 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए, तभी उन्हें सही मायने में लाभ मिल सकता है. उनका कहना है कि खेती में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों और अन्य सामग्रियों के दामों में बढ़ोतरी होने के कारण उनकी लागत भी बढ़ गई है, जिससे उन पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है.
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