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MP: अचानक मोड़ वाले सभी ब्रिज-आरओबी की PWD कर रहा जांच, भोपाल के 90 डिग्री वाले ओवर ब्रिज की देशभर में हुई थी आलोचना

90 degree bridge of Bhopal.

भोपाल का 90 डिग्री का पुल.

Improvement in over bridge of Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र में रेलवे लाईन के ऊपर बन रहे 90 डिग्री के रेलवे ओवर ब्रिज से जब लोक निर्माण विभाग की पूरे देश में किरकिरी हुई तो अब लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर विभाग ने प्रदेशभर में ऐसे ब्रिज, आरओबी, फ्लाई ओवर और एलीवेटेड कॉरिडोर की पड़ताल शुरु कर दी है जहां निर्माण में तीव्र मोड़ आ रहे हैं या वाहनों की स्पीड के अनुसार पर्याप्त टर्निंग रेडियर और ट्रांजेक्शन लेंथ नहीं है.

सभी अधिकारियों को दिए निर्देश

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता केपीएस राणा ने ब्रिज निर्माण से जुड़े सभी मुख्य अभियंताओं और सभी कार्यपालन यंत्रियों को निर्देशित किया है कि प्रदेशभर के अधिकारी उनके क्षेत्रों के ऐसे सभी ब्रिज, आरओबी, फ्लाई ओवर, ऐलीवेटेड कॉरिडोर की जानकारी दें, जिनमें आईआरसी अपटूडेट अमेंडमेंट गाइडलाईन, ग्रामीण क्षेत्रों में बने हाईवे में ज्योमेट्रिक डिजाइन स्टेंडर्ड और ग्रेड सेपरेटर्स एवं एलीवेटेड स्ट्रक्चर में प्रावधानित हरिजेंटल कर्व की शर्तों की प्रतिपूर्ति न करते हुए अलग-अलग तरह की कमियां सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि जो कमियां देखने में आ रही हैं उनमें तीव्र मोड़, वाहनों की स्पीड के अनुसार पर्याप्त टर्निंग रेडियस एवं ट्रांजेक्शन लेंथ नहीं है. मोड़ों पर इंटरनल एक्सटर्नल वाइंडिंग का पर्याप्त प्रावधान नहीं है और वाहनों की गति के अनुसार मोड़ों पर सुपर ऐलीवेशन का प्रावधान नहीं है. इन कमियों वाले सारे निर्माण कार्यों की जानकारी तीन दिन के अंदर देने को कहा गया है.

सुधार के लिए रेलवे से जमीन का इंतजार

ब्रिज को सुधारने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग रेलवे से जमीन मांग रहा है. कई बार पत्राचार करने के बाद भी रेलवे ने कोई जवाब नहीं दिया है. मामला हाई लेवल तक पहुंच गया है. इसके बाद भी रेलवे की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लोक निर्माण विभाग इंतजार कर रहा है कि जमीन मिलने की वजह से ब्रिज के सुधार का काम का शुरू कर दिया जाए लेकिन रेलवे की तरफ से कोई औपचारिक जवाब नहीं आया है. इस बारे में पीडब्ल्यूडी ने मंत्री को भी जानकारी दे दी है. इस संबंध में मंत्री ने कहा है कि वह रेलवे के अधिकारी और मंत्री से भी चर्चा करेंगे. फिलहाल सभी को इंतजार है कि रेलवे जमीन दे दे और बिगड़ा हुआ डिजाइन फिर से सुधारा जाए.

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