MP News: भोपाल में आज कार्यकर्ताओं की समस्या सुनने के लिए प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह और दिलीप अहिरवार भाजपा कार्यालय में बैठे. दोनों मंत्री दोपहर 1:00 बजे से लेकर 3:00 तक कार्यकर्ताओं की समस्या सुनी. वहीं इस दौरान कई कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्या आवेदन पत्र में लिखकर मंत्रियों को सौंपे है. इस दौरान करीब 2 घंटे तक भाजपा प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ लगी रही.
कार्यकर्ताओं ने सुनाई अपनी समस्याएं
कार्यकर्ताओं से बातचीत करने पर मालूम हुआ कि उनकी ज्यादातर समस्याएं जमीन और राजस्व से जुड़ी हुई थी. साथ ही कार्यकर्ताओं ने काम लंबे समय से लंबित होने की वजह से प्रशासनिक अधिकारियों की भी शिकायत की है. कुछ कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी जताते हुए बताया कि सरकारी विभागों में अधिकारी सुनते नहीं हैं. साथ ही उनके खिलाफ शिकायत भी की है.
एक-एक दिन सभी मंत्री पहुंचेंगे प्रदेश कार्यलय
भाजपा प्रदेश कार्यालय में समस्या सुनने के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार सभी मंत्री एक-एक दिन भोपाल में प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं की समस्या सुनने बैठ रहे हैं. यह एक संवाद का बेहतर माध्यम है जिससे हम लोग प्रदेश कार्यालय में आने वाले कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे हैं. वहीं अगर कार्यकर्ता अपनी समस्या लेकर आ रहे हैं तो उसे पर तत्काल कार्रवाई करने की कोशिश भी की जा रही हैं.
उन्होंने आगे बताया कि कार्यकर्ताओं के हित में ये नवाचार किया गया है. मेरा मानना है कि अगर मैं मंत्री हूं तो जिम्मेदारी है, किसी भी विषय पर सुनवाई जरूर होनी चाहिए. हम सभी भाजपा के ही कार्यकर्ता है और कभी संगठन में रहकर और कई सरकार में रहकर कार्यकर्ताओं के लिए काम करते रहते हैं.
ये भी पढ़ें: MP News: विधानसभा में कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना अचानक हुए बेहोश, डॉक्टर को बुलाया गया
सीएम भी कर रहे विभागों की समीक्षा
सीएम मोहन यादव भी सरकार के 2 साल पूरे होने पर अलग-अलग विभागों की समीक्षा कर रहे हैं. इसे लेकर PWD मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि सभी मंत्रियों को जिम्मेदारी से कार्य निभाने का दायित्व मिला हुआ है. काम मंशा के अनुरूप पूरा हो, इसीलिए मुख्यमंत्री समीक्षा कर रहे हैं. हर विभाग का रोडमैप बना है, समीक्षा में मुख्यमंत्री हर विभाग के कामकाज का अपडेट ले रहे मंत्रियों ने कितना काम किया, कितना खरा उतरे, सभी पर चर्चा हो रही. वहीं अगर किसी विभाग के कामकाज में कमी है तो CM से उसे बेहतर करने के लिए मार्गदर्शन मिल रहा.
