MP News: मनरेगा योजना का नाम बदलकर ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (VB-G RAM G)’ किए जाने को लेकर देश की राजनीति में घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए. राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा जैसी अहम योजना का नाम बदलने का फैसला बिना कैबिनेट और संबंधित मंत्री की सहमति के लिया गया, जो लोकतांत्रिक परंपराओं और संघीय ढांचे के खिलाफ है. उन्होंने इसे “वन मैन शो” करार देते हुए कहा कि ऐसे फैसलों से ग्रामीण भारत को नुकसान और चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचता है.
प्रधानमंत्री कार्यालय से लिया नाम बदलने का फैसला – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने दावा किया कि योजना का नाम और ढांचा बदलने का निर्णय सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से लिया गया है. इसमें न तो मंत्रियों से राय ली गई और न ही राज्यों को विश्वास में लिया गया. उन्होंने कहा कि इससे राज्यों, पंचायतों और गरीब मजदूरों के अधिकार कमजोर होंगे. राहुल गांधी ने ऐलान किया कि कांग्रेस 5 जनवरी से देशभर में ‘मनरेगा बचाओ अभियान’ चलाकर इस फैसले का विरोध करेगी.
शिवराज सिंह चौहान ने किया आरोपों पर पलटवार
राहुल गांधी के इन आरोपों पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में जवाब देते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में मनरेगा भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुकी थी, जहां फर्जी जॉब कार्ड, बिना काम भुगतान और बिचौलियों का बोलबाला था. शिवराज सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने तकनीक, पारदर्शिता और जवाबदेही के जरिए इस व्यवस्था को दुरुस्त किया और मजदूरों के हक को मजबूत किया है.
शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि सरकार केवल नाम नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था बदल रही है. उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था में मजदूरों के अधिकार पहले से ज्यादा सुरक्षित किए गए हैं. रोजगार के दिनों की गारंटी बढ़ाई गई है, समय पर काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता और मजदूरी में देरी होने पर मुआवजे का प्रावधान किया गया है. उनके मुताबिक, विपक्ष सिर्फ नाम को मुद्दा बना रहा है, जबकि असल बदलाव मजदूरों के हित में है.
शिवराज सिंह चौहान ने किया राहुल गांधी के आरोपों को खारिज
पंचायतों के अधिकार कमजोर होने के आरोपों को खारिज करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि कामों का चयन ग्राम सभा में होगा और सामाजिक अंकेक्षण स्थानीय स्तर पर अनिवार्य रहेगा. फैसले ऊपर से थोपे नहीं जाएंगे, बल्कि गांव की जरूरतों के अनुसार लिए जाएंगे. उन्होंने इसे वास्तविक ग्राम स्वराज बताया.
शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने मनरेगा के बजट और मजदूरी में कटौती की, जबकि अब वही पार्टी मजदूरों की चिंता का दिखावा कर रही है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार मजदूरों को खैरात नहीं, बल्कि सम्मानजनक रोजगार और कानूनी अधिकार देना चाहती है.
गांधी जी के नाम से जुड़े विवाद पर शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने केवल नाम का इस्तेमाल किया, जबकि सरकार गांधीवादी विचारों को जमीन पर उतार रही है. उनके अनुसार नई व्यवस्था आत्मनिर्भरता, श्रम के सम्मान और जनभागीदारी जैसे सिद्धांतों पर आधारित है.
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