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Ram Mandir: अयोध्या जाएगी एमपी कैबिनेट, 5 मार्च को सीएम और मंत्री करेंगे रामलला के दर्शन, विधायकों ने भी रखी ये डिमांड

राम मंदिर (फोटो विकीपीडिया)

राम मंदिर (फोटो विकीपीडिया)

Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ उमड़ रही है. मंदिर में प्रत्येक दिन लंबी-लंबी कतार नजर आ रही है. आम लोगों से लेकर वीवीआईपी, सभी राम मंदिर में दर्शन करना चाहते हैं. भगवान राम के बाल स्वरुप को एक बार निहारना चाहते हैं. इसी बीच मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव अपनी पूरी कैबिनेट के साथ 5 मार्च को दर्शन करने जाएंगे.

वीआईपी और वीवीआईपी मूवमेंट के कारण सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं. यूपी सरकार ने वीआईपी मेहमानों के आने से पहले उनके शेड्यूल की जानकारी मांगी है. ऐसे शेड्यूल के अनुसार अयोध्या में व्यवस्था की जा सके और सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके. एमपी कैबिनेट 5 मार्च तारीख को रामलला के दर्शन करेगी, वहीं विधायकों ने भी दर्शन मांग की है. विधायकों ने सीएम मोहन यादव से मांग की है कि उन्हें भी सरकार रामलला के दर्शन के लिए ले जाए. विधायकों की इस मांग पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

हर लोकसभा से 10000 तीर्थयात्री करेंगे दर्शन

बीजेपी ने देश के हर क्षेत्र से तीर्थयात्रियों को अयोध्या में रामलला के दर्शन कराने की योजना बनाई हैं. प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र से दस हजार तीर्थयात्रियों को अयोध्या में रामलला के दर्शन की योजना है. अयोध्या को हवाई और रेल मार्ग से देश के दूसरे शहरों से जोड़ा जा रहा है. नई विमान सेवा और रेलगाड़ियां शुरू की जा रही हैं. अयोध्या के लिए आस्था स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं. इन ट्रेन से तीर्थयात्री देश भर से अयोध्या आसानी से पहुंच रहे हैं.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में बीते 22 जनवरी को भगवान राम के बालस्वरुप की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. अभिजित मुहूर्त में 12 बजकर 29 मिनट 08 सेकंड पर रामलला गर्भ गृह में विराजमान किए गए थे. पंडित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित और गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने प्राण प्रतिष्ठा की वैदिक प्रक्रिया संपन्न कराई. इस आयोजन में साधु-संत, नेता,अभिनेता और बहुत से वीआईपी मेहमानों ने उपस्थिति दर्ज कराई थी.

इन्होंने किया मूर्ति का निर्माण

बालस्वरुप भगवान राम की मूर्ति का निर्माण मूर्तिकार अरुण योगीराज ने किया हैं. उन्होंने रामलला की मूर्ति का निर्माण कृष्णशिला से किया है. इस मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच है जो भगवान राम के पांच साल के स्वरुप को दर्शाती है. मूर्ति कमल पर आसीन है. इसके अलावा दस अवतारों को मूर्ति के चारों ओर उकेरा गया है. मूर्ति का कुल वजन 200 किलो है.

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