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MP News: रीवा बोरवेल हादसे पर एक्शन में CM मोहन यादव, जनपद पंचायत सीईओ और एसडीओ पीएचई को निलंबित करने के निर्देश

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रीवा बोरवेल मामले पर सीएम मोहन यादव ने सीईओ जनपद त्योंथर एवं एसडीओ पीएचई त्योंथर को निलंबित करने के निर्देश दिए

CM ON BOREWELL INCIDENT:  रीवा के जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव में 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरे मासूम मयंक को नहीं बचाया जा सका. कड़ी मशक्‍कत के बाद मंयक तक रेस्क्यू टीम पहुंच पाई. जिसके बाद उसके शव को बाहर निकाला गया.  त्यौंथर एसडीएम संजय कुमार जैन ने मयंक की मौत की पुष्टि की. उसका शव त्यौंथर में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौप दिया गया. रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल सहित त्योंथर विधायक सिद्धार्थ राज तिवारी ने हादसे पर दु:ख जताया. वही इस घटना के बाद अब प्रदेश के मुखिया मोहन यादव एक्शन में दिखाई दिए. उन्होंने जनपद सीईओ त्योंथर और एसडीओ पीएचई त्योंथर को सस्पेंड कर दिया.

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CM मोहन यादव ने जताया दु:ख

सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स हैंडल पर लिखा ”रीवा जिले के मनिका गांव में बोरवेल में गिरे मासूम बच्चे मयंक को प्रशासन के लगातार और अथक प्रयासों के बाद हम नहीं बचा सके. मन अथाह दु:ख और पीड़ा से भरा है. ईश्वर दिवगंत आत्मा को शांति एवं परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. पीड़ित बच्चे के परिजनों को रेडक्रास की ओर से 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है. दु:ख की इस घड़ी में, मैं और मध्य प्रदेश सरकार मयंक के परिजनों के साथ खड़े हैं.

त्योंथर के जनपद सीईओ और एसडीओ पीएचई को निलंबित किया

सीएम ने आगे लिखा कि ”इस मामले में जवाबदेही तय करते हुए सीईओ जनपद त्योंथर एवं एसडीओ पीएचई त्योंथर को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं. मेरा आप सभी से अनुरोध है कि ऐसे बोरवेल को ढंककर रखें, ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके.”

गेहूं खेत में खेलते-खेलते बोरवेल में गिरा मयंक

यह घटना रीवा जिले के जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव की है. यहां रहने वाला 6 साल का बच्चा मयंक अन्य बच्चों के साथ शुक्रवार दोपहर 3 बजे घर से दूर गेहूं के खेत में गया था. खेलते-खेलते बच्चा अचानक खेत में खोदे गए 160 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया. जैसे ही परिवार को हादसे के बारे में पता चला तो वे मौके पर पहुंचे और घटना की सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. डॉक्टरों की एक टीम भी तुरंत मौके पर पहुंची. 60 फीट गहरे बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन सिलेंडर रखने की कोशिश हुई, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली.

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