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‘IAS संतोष वर्मा प्रमोशन के लिए SC से ST बने…’, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा का दावा, केंद्रीय मंत्री जिंतेद्र सिंह को लिखा पत्र

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सांसद जनार्दन मिश्रा (फाइल फोटो)

MP News: IAS संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज को लेकर की गई टिप्पणी का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इन सब विवाद के बीच रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने चौंकाने वाला दावा किया है. रीवा सांसद ने केंद्रीय राज्य मंत्री जिंतेद्र सिंह को पत्र लिखकर का IAS वर्मा पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और प्रशासनिक सेवा में फिर से जांच की मांग की.

‘प्रमोशन के लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग को चुना’

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने पत्र लिखकर कहा कि संतोष वर्मा का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में जिन प्रक्रियाओं से हुआ, वे नियमों के विपरीत थीं. वर्मा को अनुसूचित जाति की जगह अनुसूचित जनजाति वर्ग में चयनित किया गया. उनके चयन और प्रमाणीकरण को वर्ष 2021 में अदालत ने भी गलत ठहराया था. न्यायालय के आदेशानुसार वर्मा को पद और वेतन लाभ से वंचित किया जाना चाहिए था।

जनार्दन मिश्रा ने पत्र में यह भी लिखा है कि वर्मा का नाम पूर्व में अदालत की अवमानना, अमर्यादित भाषा और सरकारी कार्य में बाधा जैसे मामलों में भी आया था. जिनके चलते उन्हें कारावास की सजा तक भुगतनी पड़ी.

‘ये समानता के सिद्धांत का उल्लंघन’

सांसद मिश्रा ने पत्र में यह भी लिखा है कि IAS संतोष वर्मा का बयान न सिर्फ वर्ग विशेष के प्रति अपमानजनक है, बल्कि संविधान प्रदत्त समानता के सिद्धांत का उल्लंघन भी करता है. वर्मा ऐसे समय में विवादित और विभाजनकारी बयान दे रहे हैं, जब केंद्र सरकार जातीय कल्याण, सामाजिक समरसता और संवैधानिक मूल्यों पर आधारित योजनाओं को आगे बढ़ा रही है. इस तरह की टिप्पणी सरकार के सकारात्मक अभियानों को बदनाम करती है.

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‘FIR दर्ज होनी चाहिए’- सपाक्स

सपाक्स (सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी-कर्मचारी) ने आईएएस संतोष वर्मा पर कार्रवाई की मांग की है. पूर्व IAS डॉ हीरालाल त्रिवेदी और डॉ वीणा घाणेकर के कहा कि IAS के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए. उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए.

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