Sajanpur Village: किसी गांव की विशेषता बताने के लिए आपसे कहा जाए तो आप क्या बताएंगे? आप कहेंगे वहां कच्ची सड़क होती है, खेत-खलिहान होते हैं, नदी-तालाब होते हैं, यहां-वहां घूमते दुधारू पशु और खेलते बच्चे होते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के साजनपुर गांव की अलग ही अलग विशेषता है. जैसे एक टापू या द्वीप चारों से पानी से घिरा होता है, ठीक उसी तरह इस की सीमा गुजरात राज्य से लगती है.
रानी को दहेज में मिला था गांव
मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में गुजरात बॉर्डर के पास साजनपुर गांव स्थित है. इस गांव को लेकर एक रोचक कहानी है. आजादी से पहले मध्य प्रदेश के कट्ठीवाड़ा और गुजरात के छोटा उदेपुर रियासत के बीच वैवाहिक संबंध बने. कट्ठीवाड़ा के राजा ने अपनी बेटी की शादी छोटा उदेपुर के राजा से करवाई. कट्ठीवाड़ा के राजा ने दहेज में साजनपुर गांव भी दे दिया.
राजस्व दस्तावेज नहीं मिले
साल 1947 में भारत ब्रिटिश गुलामी से आजाद हो गया लेकिन साजनपुर गांव आज भी गुजरात और मध्य प्रदेश के बीच कई दांव पेंच के बीच फंसा हुआ है. इस गांव के राजस्व दस्तावेज नहीं मिलने के कारण ये स्थिति बनी है. साल 1956 में सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के बाद इस गांव को मध्य प्रदेश में शामिल कर लिया गया.
स्कूल में गुजराती पढ़ाई जाती है
साजनपुर गांव चारों से गुजरात से घिरे होने के कारण यहां गुजराती संस्कृति देखने को मिलती है. अधिकांश लोगों की रिश्तेदारी भी गुजरात में है. प्रशासनिक कामकाज की भाषा हिंदी है. सभी सरकारी काम हिंदी में किए जाते हैं. आम बोलचाल के रूप में लोग गुजराती का उपयोग करते हैं. स्कूल में हिंदी और इंग्लिश के साथ-साथ गुजराती भी पढ़ाई जाती है.
ये भी पढ़ें: एमपी के इस गांव में लोग नहीं करते हिंदी में बातचीत, बच्चों से लेकर बूढ़ों तक बोलते हैं फर्राटेदार संस्कृत
ट्रेन के लिए गुजरात और बस के लिए एमपी
साजनपुर गांव में रहने वाले लोगों के लिए एक अजीब सी स्थिति है. ग्रामीणों को ट्रेन से यात्रा के लिए गुजरात के दाहोद और लिंबडी जैसे रेलवे स्टेशन जाना होता है. एमपी में कहीं भी जाने के लिए बस की यात्रा गुजरात होकर ही करनी पड़ती है. गांव आज भी सड़क, बिजली और पुल जैसी आधारभूत संरचना के लिए जूझ रहा है. साजनपुर गांव गुजरात में होने पर भी ग्रामीण वोट देने मध्य प्रदेश आते हैं.
गांव की लिटरेसी रेट 25 फीसदी
इस गांव की साक्षरता दर की बात करें तो मात्र 25.72 फीसदी है. यहां पुरुषों की साक्षरता दर 23.08 प्रतिशत और महिला साक्षरता दर 28.17 परसेंट है. गांव में महिलाएं, पुरुषों से ज्यादा पढ़ी-लिखी हैं.
