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MahaShivratri 2025: महाकाल मंदिर में 17 फरवरी से मनाई जाएगी शिवनवरात्रि, 8 गेट से श्रद्धालुओं को मिलेगी एंट्री, 1.5 किमी कम चलना होगा

Mahakaleshwar Mandir

भगवान महाकाल (फाइल फोटो)

Shiv Navratri Mahakal Temple: 26 फरवरी को महाशिवरात्रि (MahaShivratri) का पर्व मनाया जाएगा. इसके लिए देश भर के प्रमुख शिव मंदिरों में तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में इसे भव्य और दिव्य तरीके से मनाया जाता है. विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि का उत्सव मनाया जाएगा. ये उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के पूर्व तैयारियों को लेकर मनाया जाता है.

क्यों मनाया जाता है शिवनवरात्रि उत्सव?

हिंदू शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. देश भर के सभी शिव मंदिरों में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है. इसके लिए आयोजन 9 दिन पहले से ही शुरू हो जाते हैं जिसे शिवनवरात्रि के नाम से जाना जाता है. हर दिन बाबा महाकाल का शृंगार विशेष रूप से किया जाता है. किसी दिन बाबा को मेहंदी लगाई जाती है तो किसी दिन हल्दी. इस हर दिन अलग-अलग रूप में बाबा को सजाया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है.

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इस बार 9 की जगह 10 दिन मनाया जाएगा उत्सव

वैसे तो महाकाल मंदिर में शिवनवरात्रि का उत्सव 9 दिनों तक मनाया जाता है. लेकिन इस बार ये 10 दिन तक मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार तिथि वृद्धि के कारण इस बार शिवनवरात्रि पर्व 10 दिन मनाया जाएगा.

मंदिर में श्रद्धालु 8 प्रवेश द्वार से कर सकेंगे एंट्री

महाशिवरात्रि के लिए मंदिर प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं. श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो इसका खास ख्याल रखा जा रहा है. इस बार मंदिर में प्रवेश के लिए 8 द्वार से प्रवेश की व्यवस्था की जा रही है. रूद्रसागर पर बने पुल का सीएम मोहन यादव 15 फरवरी को लोकार्पण करेंगे. वहीं ऐसी व्यवस्था तैयार की जा रही है जिससे भक्तों को 1.5 किमी कम चलना होगा. मंदिर में फूलों से सजावट भी की जाएगी. इसके लिए विदेश से फूलों का आयात भी किया जाएगा.

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