Shivraj Singh Chauhan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविधान से धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद शब्द हटाने की RSS की मांग का समर्थन किया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘सर्वधर्म सद्भाव भारतीय संस्कृति का मूल है. धर्मनिरपेक्ष हमारी संस्कृति का मूल नहीं है. इसलिए इस पर जरूर विचार होना चाहिए. आपातकाल में जिस धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ा गया उसको हटाया जाए.’
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— Vistaar News (@VistaarNews) June 27, 2025
‘धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद शब्द की जरूरत नहीं’
देश में संविधान से धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद शब्द को हटाने को लेकर चर्चा हो रही है. जिसको लेकर शिवराज सिंह चौहाने से भी सवाल किया गया था. इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘आपातकाल में जिस धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ा गया उसको हटाया जाए. दूसरी बात आत्मवत् सर्वभूतेषु यानी अपने जैसा सबको मानो, ये भारत का मूल विचार है. वसुधैव कुटुम्बकम् मतलब यह सारी दुनिया ही एक परिवार है, यह भारत का मूल भाव है. जियो और जीने दो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया. ये भारत का मूल भाव है. इसलिए यहां समाजवाद की जरूरत नहीं है. देश को निश्चित तौर पर इसको लेकर विचार करना चाहिए.’
‘स्वामी विवेकानंद ने कहा था- किसी भी रास्ते पर चलो परमपिता के पास पहुंचोगे’
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत सभी धर्मों का आदर करने वाला देश है. शिवराज ने आगे कहा, ‘भारत अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है. भारत का मूल भाव सर्वधर्म सद्भाव है. ये भारत है जिसने आज नहीं हजारों साल पहले कहा था कि “एकम सद्विप्रा बहुधा वदन्ति.” यानी सत्य एक है ,विद्वान उसे अलग-अलग तरीके से कहते हैं. ये भारत है जो कहता है “मुंडे मुंडे मतिर्भिन्ना” अलग-अलग भाव का भी आदर किया जाता है, उपासना पद्धति चाहें कोई भी हो. स्वामी विवेकानंद ने भी शिकागो में जाकर ये कहा था कि, किसी रास्ते चलो अंतत: परमपिता परमात्मा के पास ही पहुंचोगे.’
RSS ने धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद को हटाने की मांग की
RSS सरकार्यवाह दत्तत्रेह होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटाने की मांग की है. दत्तत्रेह होसबाले ने कहा, ‘बाबा साहेब ने जो संविधान बनाया, उसकी प्रस्तावना में ये शब्द कभी नहीं थे. आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए. संसद काम नहीं कर रही थी. न्यायपालिका पंगु हो गई थी, तब ये शब्द जोड़े गए.’
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