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इंदौर में दूषित पानी से अब तक 8 लोगों की मौत, सीएम डॉ मोहन यादव के निर्देश पर तीन अधिकारियों पर एक्शन

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सीएम डॉ मोहन यादव

Indore: देश के सबसे साफ शहर इंदौर में दूषित पानी सप्लाई होने से हाहाकार मच गया है. खराब पानी सप्लाई की वजह से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 35 से ज्यादा मरीजों का अस्पताल में इलाज जारी है. 

CM मोहन यादव के निर्देश पर तीन अधिकारियों पर एक्शन

वहीं इस मामले को लेकर सीएम डॉ मोहन यादव भी एक्शन में नजर आ रहे हैं, CM के निर्देश पर कलेक्टर ने 2 अफसरों को निलंबित और एक को बर्खास्त किया है. इसके अलावा जांच समिति का गठन भी किया गया है.

कैसे दूषित हुआ पानी?

इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में शुक्रवार से लोगों के बीमार होने का सिलसिला शुरू हुआ था. इसके पहले ही नर्मदा की पाइपलाइन में लीकेज हो गया था, जिस वजह से शौचालय का गंदा पानी इसमें मिलने लगा था. लेकिन इसकी किसी को भनक नहीं लगी. शुक्रवार को मामले की जानकारी वॉर्ड के BJP पार्षद कमल वाघेला ने महापौर को दे दी थी. इसके बाद से लीकेज प्वाइंट तलाशने का सिलसिला शुरू हुआ. तीन दिन बाद नगर निगम की टीम ने लीकेज तलाश लिया. यह लीकेज पानी की टंकी के नजदीक था और यह पॉइंट भागीरथपुरा पुलिस चौकी के ठीक नीचे उस जगह पर था जहां चौकी का बाथरूम बना हुआ था.

शौचालय का पानी हो रहा था सप्लाई

जानकारी के मुताबिक पुलिसवालों और चौकी में बंद अपराधियों का मल मूत्र नर्मदा पाइपलाइन के इस पॉइंट से मिक्स होकर पूरे भागीरथपुरा इलाके में सप्लाई हो रहा था. यह लीकेज पॉइंट मिलने के बाद इसमें सुधार कार्य कर दिया गया है. दावा किया जा रहा है कि नर्मदा पाइपलाइन 30 साल से ज्यादा पुरानी है और इसके बाद भागीरथपुरा पुलिस चौकी का निर्माण हुआ है.

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इस पूरे मामले को लेकर वार्ड 11 के पार्षद कमल वाघेला का कहना है कि जिन अधिकारियों ने पाइपलाइन डलवाई थी और जिन अधिकारियों ने पुलिस चौकी बनवाई थी वो सब इंदौर से जा चुके हैं.

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