MP News: मध्य प्रदेश में दिव्यांग छात्रों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने उन्हें ट्राइसाइकिल देने के साथ-साथ लैपटॉप देने की योजना भी शुरू की है. प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना ने नया प्रावधान किया है. इस संबंध में सामाजिक न्याय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने गाइडलाइन जारी की है.
दिव्यांग छात्र पात्रता के अनुसार ऑनलाइन आवेदन पोर्टल में कर सकेंगे. आवेदन के बाद संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग आवेदक को विभाग तक पहुंचाएगा. इसके बाद आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं को 30 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से विभाग को दिव्यांगता सर्टिफिकेट देना होगा. नवंबर महीने में 15 दिन के भीतर स्वीकृत और स्वीकृत आवेदक को विभाग स्कूल शिक्षा विभाग तक पहुंच जाएगा. बाद में आवेदन के आधार पर लैपटॉप और ट्राई साइकिल के लिए उन्हें सूचना दी जाएगी.
दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत शामिल
पात्रता के अनुसार 3 दिसंबर को जिला स्तरीय कार्यक्रम में स्थानीय जनपद निधि की उपस्थिति में लैपटॉप और ट्राइसाइकिल दिया जाएगा. अभी तक दिव्यांगजनों को प्रोत्साहन योजना में लैपटॉप देने की कोई व्यवस्था नहीं थी. कई मामलों को छोड़कर अधिकांश मामलों में दिव्यांग जनों को लैपटॉप नहीं दिया जाता था. उन्हें ट्राइसाइकिल सामाजिक न्याय कल्याण विभाग की तरफ से दी जाती थी लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने मेधावी छात्र योजना में दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन को भी शामिल किया है.
डेढ़ लाख से अधिक दिव्यांगों को होगा फायदा
सरकार की मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना से प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक दिव्यांगों का फायदा होगा. उन्हें पढ़ाई में मदद के लिए लैपटॉप देने से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में मदद मिलेगी. इसके साथ ही अन्य छात्रों के साथ बेहतर कंपटीशन भी कर सकेंगे. सरकार ने दिव्यांगों को तकनीक से जोड़ने के फैसले के उद्देश्य से लैपटॉप देने की योजना शुरू की है. इस योजना के बाद दिव्यांग छात्र आईटी और अन्य फील्ड में बेहतर तरीके से अपना भविष्य बना सकेंगे.
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कलेक्टर को भी जारी किया आदेश
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने सभी कलेक्टरों को आदेश जारी किया है. इस योजना से जुड़े हुए सभी हितग्राहियों को लाभ दिलाने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रचार प्रसार करने के लिए भी कहा गया है. दिव्यांग जनों को इस योजना का फायदा मिल सके. इसलिए जिला स्तर पर योजना को लागू करने के लिए उपसंचालक स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है.
