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MP: भोपाल में खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने के लिए छात्र मजबूर, क्लास में पानी भरा और दीवारों पर सीलन

Students are forced to study under the open sky.

छात्र-छात्राएं खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

Bhopal News: राजधानी भोपाल से लगे ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूलों की हालत बेहद दयनीय है. भोपाल से महज 10 किलोमीटर दूर ग्राम डोबरा जागीर के सरकारी स्कूल की तस्वीरें शिक्षा विभाग के दावों की पोल खोल रही हैं. बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. कक्षाओं में पानी भरा हुआ है. खुले आसमान के नीचे कक्षाएं लग रही है, तो इसी भवन में एक साथ तीन-तीन कक्षाएं लग रही है.

खुले आसमान के नीचे पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राएं

राजधानी भोपाल से महज 10 किलोमीटर दूर माध्यमिक शाला ग्राम डोबरा जागीर के सरकारी स्कूल की हालत बहुत खराब है. स्कूल भवन जर्जर हो चुका है कभी भी हादसा हो सकता है. जर्जर भवन में बच्चों का पढ़ाई करना मुश्किल है और इसके लिए अब खुले आसमान के नीचे कक्षाएं लग रही हैं. पहली कक्षा से लेकर कक्षा पांचवी तक के बच्चे एक साथ इसी खुले आसमान के नीचे पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चों का कहना है कि पढ़ना मुश्किल हो रहा है. बच्चे गुहार लगा रहें है कि स्कूल भवन बनवा दीजिए. खुले में पढ़ाई करना मुश्किल हो रहा है.

स्कूल की कक्षाओं में पानी भरने से पढ़ रहे आसमान के नीचे

माध्यमिक शाला ग्राम डोबरा जागीर की कक्षाओं में पानी भरा हुआ है. पानी भरने से कक्षाओं का लगना मुश्किल हो रहा है. बारिश से दीवारों पर सीलन है. हालत इतनी खराब है कि सीलन के चलते छत का प्लास्टर उखड़ा हुआ है. दो सालों से स्कूल भवन की हालत यही है. सीलन रोकने के लिए स्कूल भवन की छत पर पन्नी बिछी हुई है. पन्नी से छत को ढका गया है. हर बारिश में बच्चे खुले आसमान के नीचे ही पढ़ाई करते हैं. शिक्षक सुनील कुमार जैन का कहना है कि शिकायत की है सालों से हालात यही है. दो दिन पहले डीपीसी की टीम ने निरीक्षण किया है.

स्कूल में लाइट ना होने से गर्मी से बेहाल दिखे छात्र-छात्राएं

माध्यमिक शाला दूसरी कक्षा की तस्वीर है जिसमें एक साथ दो कक्षाएं लग रही हैं. कक्षा सातवीं और आठवीं के बच्चे एक साथ पढ़ाई कर रहे हैं. एक और तस्वीर ये बता रही है कि सरकारी स्कूलों में हालात कितने खराब हैं. स्कूल में तीन से चार दिन से बिजली नहीं है. बिजली का बिल नहीं भरा गया और बच्चे गर्मी से जूझ रहे हैं. हाथों से किताबों को पंखा बना गर्मी से बचने की कोशिश कर रही है और बच्चों का कहना है कि हाल बेहाल है. पढ़ाई में परेशानी हो रही है. बिजली का बिल ना भरने से बिजली कटने की नौबत आ गई है.

शिक्षा मंत्री बोले- हां कमी तो है

शाला प्रभारी सीमा सिंह का कहना है कि हालात सालों से खराब हैं. शिकायत की है, लेकिन कोई गंभीरता से नहीं लेता. गुहार लगा रहे हैं कि इस परेशानी से जल्द से जल्द ही निजात दिला दीजिए. बच्चे परेशानी के बीच पढ़ाई कर रहे हैं. कॉपी-किताबों को पानी से बचाने बरसाती का सहारा लिया गया है. स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने खुद माना है कि हालत खराब है और खामियां भी हैं.

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