Takiya Mosque of Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित तकिया मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है. अब खाली पड़ी जमीन पर निर्माण हो सकेगा. याचिकाकर्ताओं ने मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि धर्म का पालन करने का अधिकार किसी विशेष स्थान से जुड़ा नहीं होता है. मस्जिद वाली जमीन के अधिग्रहण से अधिकार प्रभावित नहीं हो सकता है.
याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट के फैसले को गलत बताया था
याचिकाकर्ताओं ने मामले में हाई कोर्ट के फैसले को गलत बताया था. याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील एम.आर. शमशाद ने सुप्रीम कोर्ट में दलील देते हुए कहा था कि हाई कोर्ट का ये तर्क गलत है, जिसमें कहा गया है कि व्यक्ति अपने घर या किसी और जगह पर नमाज पढ़ सकता है. वहीं वकील शमशाद की दलील को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला एकदम सही है.
‘याचिका वापस ले ली थी और मुआवजा भी दे दिया गया’
मामले पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि पूरी प्रक्रिया भूमि अधिग्रहण कानून के तहत की गई है. मामले में याचिका पहले ही वापस ली जा चुकी है. इसके साथ ही मुआवजा भी दिया गया था.
वहीं मामले पर याचिकाकर्ताओं के वकील एम. आर. शमशाद ने कहा कि एक धार्मिक स्थल की पार्किंग के लिए मस्जिद को गिरा दिया गया. जबकि सुप्रीम कोर्ट के याचिका खारिज कर दी.
याचिकार्ताओं ने फिर से मस्जिद निर्माण के लिए मांगी थी इजाजत
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में तकिया मस्जिद में नमाज पढ़ने और फिर से निर्माण करने की इजाजत मांगी थी. लेकिन याचिका को मध्य प्रदेश की कोर्ट ने खारिज दिया था. कोर्ट ने कहा था कि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने वाली है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि मामले में वक्फ बोर्ड ने मुआवजे के अधिकार के लिए मुकदमा दायर किया हुआ है.
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