MP News: मध्य प्रदेश में मुफ्त राशन पाने के लिए आलीशान मकानों में रहने वाले लोगों ने BPL का कार्ड बनवा रखा है. नौकरी पेशा लोग और कारोबारी मुफ्त राशन पाने के लिए खुद को गरीब दिखा रहे हैं. इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो सरकारी टीचर हैं लेकिन उनका गरीबी रेखा के नीचे वाला(BPL) कार्ड बना हुआ है.
गुना और छतरपुर में बड़ी संख्या में अपात्र लोगों का BPL कार्ड
आजतक की खबर के मुताबिक गुना में 1400 से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति काफी अच्छी है लेकिन वो BPL कार्डधारक हैं. परिवार की सालाना इनकम 6 लाख के ऊपर है, बड़े-बड़े मकान हैं, लेकिन कागजों पर वो गरीब हैं और BPL कार्ड का लाभ ले रहे हैं. एक कारोबारी जिसकी सालाना इनकम 25 लाख रुपये है और उसने BPL कार्ड बनवा रखा है, जिससे वो हर महीने गेहूं, चावल और नमक लेते हैं.
अकेले छतरपुर में तो 21 हजार ऐसे अपात्र लोग हैं जो BPL कार्ड का लाभ ले रहे हैं. कुछ तो सरकारी टीचर भी हैं, जिन्होंने अपना BPL कार्ड बनवाया है. वहीं पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने नाम हटाने का आवेदन किया है लेकिन अभी तक नाम नहीं हटाया गया है. लेकिन सच्चाई ये है कि अभी भी वो BPL कार्ड से सरकारी राशन ले रहे हैं.
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विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
बड़ी संख्या में अपात्र BPL कार्ड धारकों के सामने आने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि ये गंभीर मामला है लेकिन सरकार के पास अभी कोई ऐसा सिस्टम ही नहीं है कि वो रसूखदार लोगों को BPL कार्ड से गरीबों का अनाज लेने से रोक सके.
वहीं पूरे मामले पर कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि जांच की जा रही है. जो भी अपात्र लोग BPL कार्ड धारक हैं, उनके कार्ड रद्द करके उन पर कार्रवाई की जाएगी.
