MP News: वन विभाग तेजी से विलुप्त हो रहे गिद्धों को लेकर संरक्षण करने जा रहा है. इसी कदम में वन विभाग इंदौर रेंज में गिद्धों की गिनती की तैयारी में है. गणना आज यानी 16 से शुरू होगी और 18 फरवरी, 2024 तक चलेगी. गिद्धों की गिनती करने का उद्देश्य उनकी जनसंख्या का पता लगाना और महत्वपूर्ण संरक्षण उपायों को लागू करना है.
प्रशिक्षित कर्मचारी और पर्यावरणविद्दों का साथ
वन विभाग के कर्मचारियों को गिद्धों की गिनती के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. गिनती के लिए 6 स्थानों का चयन किया गया है जहां पर्यावरणविद्दों और वन विभाग की टीम मिलकर काम करेगी.
2016 में राज्य में हुई थी गिद्धों की पहली जनगणना
2016 में राज्य में गिद्धों की गणना हुई थी जिसमें 33 जिलों को कवर किया गया था. प्रदेश में प्रमुख गिद्ध प्रजातियां में एजिप्सिया, व्हाइट रम्प्ड, किंग कल्चर, लॉन्ग बिल्ड, यूरेशियस, और सिलेंडर शामिल हैं. इंदौर वनमंडल में एजिप्सिया प्रजाति के गिद्ध प्रमुख हैं.
स्वच्छ पर्यावरण से हो रही गिद्धों की कमी
2016 में गिनती के बाद, इंदौर रेंज के देवगुराड़िया वनक्षेत्र में गिद्धों की साइटिंग में कमी आयी है. स्वच्छ वातावरण के कारण यहां गिद्धों की दिखाई जाने में कमी हो रही है. यह स्थिति इस बार की गिनती के दौरान भी दिख सकती है.
गिद्ध की तस्करी का मामला आया था सामने
2022 के 20 जनवरी को सुल्तानपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे तस्कर फरीद को पकड़ा गया था. उसके पास सात गिद्ध जीवित पाए गए थे. इन गिद्धों को मुंबई से समुद्र के रास्ते अरब देशों में भेजा जाता था और वहां इन्हें पाला जाता था. इस मामले में खंडवा वन विभाग और इंदौर स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने सहयोग किया. बड़े गिरोह की तस्करी की भूमिका उजागर हुई थी.
गिद्ध गिनती इंदौर रेंज में इन लुप्तप्राय पक्षियों की संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम है. वन विभाग का उद्देश्य प्रशिक्षित कर्मचारियों और पर्यावरणविद्दों के सहयोग से, गिद्धों की जनसंख्या के बारे में जानकारी प्राप्त करने और बचाने के लिए उपायों को लागू करना है.