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MP News: मऊगंज में केंद्रीय और नवोदय विद्यालय बनाने की मांग लोकसभा में गूंजी, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने सदन में रखी बात

Rewa MP raised the issue of building a Kendriya Vidyalaya in Mauganj in Parliament.

रीवा सांसद ने मऊगंज में केंद्रीय विद्यालय बनाने का मुद्दा संसद में उठाया.

Input- लवकेश सिंह

MP News: रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने लोकसभा के शून्यकाल में जिले में केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय की स्थापना की मांग पूरे दमदार अंदाज में उठाई. सांसद ने सदन में कहा कि मऊगंज के बच्चों को अब और इंतजार नहीं कराया जा सकता है.

कठिन भौगोलिक दृष्टि का मुद्दा उठाया

सांसद ने सदन में बताते हुए कहा कि मऊगंज जिला भौगोलिक दृष्टि से बेहद कठिन परिस्थितियों वाला क्षेत्र है. वन क्षेत्र, पहाड़ी भूभाग और दूर-दराज बसे गांवों में रहने वाले बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा किसी सपने से कम नहीं है. जिले में अब तक ना केंद्रीय विद्यालय खुला, ना नवोदय. नतीजा यह है कि हजारों बच्चों को रीवा, सतना और अन्य शहरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है. इससे अभिभावकों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है, वहीं बच्चों की पढ़ाई भी निरंतर बाधित होती है. सांसद ने कहा कि यह स्थिति वर्षों से बनी हुई है, जिसे अब बदलना बेहद जरूरी है.

‘मऊगंज के बच्चों को भी बराबर का हक दीजिए’

शून्यकाल में सांसद मिश्रा ने शिक्षा मंत्री से स्पष्ट अपील की है कि मऊगंज के पिछड़े, जनजातीय और ग्रामीण अंचलों के बच्चों को राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए. केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय की स्थापना केवल भवन नहीं, बल्कि हजारों सपनों को नई दिशा देगी.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय की गैरमौजूदगी जिले के शैक्षिक विकास में सबसे बड़ी बाधा है. इन संस्थानों के खुलने से दूरस्थ गांवों से आने वाले मेधावी छात्र भी बिना आर्थिक दबाव के उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे.

सदन में गूंजा मऊगंज का मुद्दा

लोकसभा में सांसद का प्रश्न इतना प्रभावशाली रहा कि मंत्री समेत कई सदस्यों ने मामले को गंभीरता से सुना. विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से मऊगंज में केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की राह साफ हो सकती है.

केंद्रीय और नवोदय विद्यालय की स्वीकृति लगेगी मोहर

यदि केंद्र सरकार इस मांग को मंजूरी देती है तो मऊगंज जिले को पहली बार दो प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान मिलेंगे. इन विद्यालयों के खुलने से जिले का शैक्षिक स्तर तेजी से बढ़ेगा, ग्रामीण व आदिवासी छात्रों को आधुनिक शिक्षा मॉडल मिलेगा. बच्चों को बाहर पढ़ने जाने की मजबूरी खत्म होगी, प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का मंच मिलेगा. मऊगंज जिले की जनता इस मांग को लेकर खासा उत्साहित है. इसे आने वाली पीढ़ियों के हित में एक गेम चन्दमगर माना जा रहा है.

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