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MP News: सागर में सड़क हादसे में मारे गए जवानों को नहीं मिला शहीद का दर्जा, कांग्रेस ने परिजनों को 1 करोड़ सहायता राशि देने की मांग की

MLA Hemant Katare

विधायक हेमंत कटारे

MP News: बालाघाट में नक्सल ड्यूटी कर लौट रही बम डिडक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीएंडडीएस) की टीम के सड़क हादसे में मारे गए चार पुलिसकर्मियों को सरकार के रिकॉर्ड में फिलहाल शहीद का दर्जा नहीं मिला है. कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने मांग की थी कि ये सभी पुलिसकर्मी निजी कार्य से नहीं, बल्कि नक्सल विरोधी अभियान में ड्यूटी कर लौट रहे थे. ऐसे में यह मौतें लाइन ऑफ ड्यूटी में हुई हैं. यदि इन्हें शहीद का दर्जा दिया जाता है और परिजनों को एक करोड़ रुपए की सहायता मिलती है, तो इससे सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ेगा.

कांग्रेस नेता ने उठाई शहीद का दर्जा देने की मांग

इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने सरकार से चारों मृत जवानों को शहीद घोषित करने और उनके परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि देने की मांग की है. वहीं पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) ने स्पष्ट किया है कि मामला सड़क दुर्घटना से जुड़ा है, न कि सीधे नक्सल ऑपरेशन या कानून-व्यवस्था की कार्रवाई से. यह हादसा 10 दिसंबर को सागर जिले में हुआ था. बालाघाट से नक्सल ड्यूटी कर वापस लौटते समय बीडीएंडडीएस स्क्वॉड का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें कांस्टेबल प्रद्युम्न दीक्षित, कांस्टेबल अमन कौरव, वाहन चालक परमलाल तोमर (तीनों निवासी मुरैना) और डॉग मास्टर विनोद शर्मा (निवासी भिंड) की मौके पर मौत हो गई थी. हादसे में कांस्टेबल राजीव चौहान गंभीर रूप से घायल हुए थे.

क्या कहता है नियम

विशेष पेंशन योजना – 1965 के तहत शहीद पुलिसकर्मियों के परिजन विशेष मुआवजे के पात्र होते हैं. इसके लिए तीन स्थितियां तय हैं. नक्सल ऑपरेशन में शहादत, कानून-व्यवस्था की स्थिति में शहादत और सरकारी कर्तव्य के निर्वहन के दौरान संघर्ष में मृत्यु. इधर पीएचक्यू की ओर से कल्याण शाखा के अनुसार एक करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि देने का फैसला सरकार के स्तर पर होता है.

मुरैना से जुड़े इस मामले में मौत सड़क दुर्घटना से हुई है, जो न तो नक्सल ऑपरेशन, न कानून-व्यवस्था और न ही किसी संघर्ष की श्रेणी में आती है. हालांकि सरकार इस पर निर्णय ले सकती है. इधर पुलिस मुख्यालय की कल्याण शाखा ने मृतक पुलिसकर्मियों के परिजनों को विभागीय नियमों के तहत अन्य सभी लाभ दिए जाने का निर्णय लिया है.

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