MP News: ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप की वजह से अब तक मध्य प्रदेश में 18 बच्चों की जान चुकी है. राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो और कफ सिरप पर बैन लगा दिया है. दोनों कफ सिरप को जांच में अमानक पाया गया है. दोनों ही कफ सिरप में डीईजी का स्तर तय मानक से ज्यादा पाया गया. सरकार ने इन दवाओं की बिक्री पर बैन लगा दिया है. शासन ने जांच के लिए 19 दवाओं के सैंपल भेजे थे जिनमें ये दोनों दवाएं थीं.
दोनों गुजरात की कंपनी हैं
मध्य प्रदेश सरकार ने रिलाइफ सिरप और रेस्पीफ्रेश टीआर सिरप पर बैन लगा दिया है. दोनों ही कंपनियां गुजरात में रजिस्टर्ड हैं. रिलाइफ का निर्माण शेप फार्मा प्राइवेट लिमिटेड और रेस्पीफ्रेश टीआर रेन्डोनेक्स फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड करती है. दोनों ही कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा तय मानक से ज्यादा मिली है. जहां रिलाइफ में DEG की मात्रा 0.616 फीसदी मिली तो वहीं रेस्पीफ्रेश टीआर रेन्डोनेक्स में ये 1.342 फीसदी मिली. तय मानक की बात करें तो ये 0.1 प्रतिशत होना चाहिए. प्रदेश सरकार ने गुजरात शासन को पत्र लिखकर इनकी जांच के लिए कहा है.
कफ सिरप पर लिखनी होगी चेतावनी
भारत सरकार के 2023 के निर्देश के अनुसार क्लोरफिनिरामाइन फिनाइलफिराइन एचसीएल वाले कफ सिरप को 4 चार से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना चाहिए. इसके साथ ही कफ सिरप की बोतल पर चेतावनी भी लिखी होनी चाहिए. एमपी में जिस ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत हुई, उसमें भी यही कॉम्बिनेशन था. इसके बावजूद इस पर कोई चेतावनी नहीं लिखी हुई थी.
चार अधिकारियों पर गिरी गाज
सीएम मोहन यादव ने सोमवार को छिंदवाड़ा में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इसके साथ ही चार अधिकारियों पर एक्शन भी लिया गया है. 3 ड्रग अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, जबकि एक अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया है.
