Vistaar NEWS

Ujjain: शहीद मंगल पांडे पर टिप्पणी को लेकर विवाद गहराया, ‘महाकाल सेना’ ने जताया विरोध, जानिए क्या है मामला

Govind Dev Ji Giri (file photo)

गोविंद देव जी गिरी (फाइल तस्वीर)

Ujjain News: हनुमंत कथा के दौरान राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी द्वारा वीर शहीद मंगल पांडे पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद गहरा गया है. उज्जैन की महाकाल सेना ने इस टिप्पणी को क्रांतिकारियों का अपमान बताते हुए विरोध दर्ज कराया है. संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गोविंद देव गिरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

महाकाल सेना के राष्ट्रीय प्रमुख और महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने आरोप लगाया कि गोविंद देव गिरी ने राजस्थान के ब्यावर में आयोजित कथा के दौरान इतिहास से भटकते हुए 1857 की क्रांति को विफल बताने का प्रयास किया. पुजारी ने कहा, “गोविंद देव गिरी जी ने मंगल पांडे के विरोध को 1857 की क्रांति की असफलता का कारण बताया, जबकि वास्तव में वह क्रांति का प्रारंभिक स्वर थे. यह बयान देश के अमर शहीदों का अपमान है.”

विवादित टिप्पणी क्या थी?

महेश पुजारी ने बताया कि गोविंद देव गिरी ने कथित रूप से कथा के दौरान कहा था, “यदि मंगल पांडे ने चर्बी लगे कारतूस का विरोध नहीं किया होता, तो 1857 की क्रांति संगठित रूप से शुरू होती और भारत उसी समय आज़ाद हो जाता.” उन्होंने यह भी कहा कि मंगल पांडे के इस विरोध ने क्रांति की योजना को विफल कर दिया.

सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की

महाकाल सेना ने गोविंद देव गिरी से वीर मंगल पांडे सहित सभी क्रांतिकारियों और ब्राह्मण समाज से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है. संगठन का कहना है कि मंगल पांडे ने अपने धर्म और देश के लिए बलिदान दिया और उनकी निंदा करना असहनीय है. अगर माफी नहीं मांगी गई तो देशभर में विरोध-प्रदर्शन और पुतला दहन किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: MP Cabinet Meeting: किसान सम्मेलन से 4,736 करोड़ का निवेश, 6 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार, इन फैसलों पर लगी मुहर

‘राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा’

अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश गुरु ने कहा कि महाकाल सेना ने ऐलान किया है कि अगर गोविंद देव गिरी ने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त नहीं किया, तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा. संगठन का कहना है कि यह केवल मंगल पांडे का नहीं, बल्कि भारत की आजादी के लिए बलिदान देने वाले सभी क्रांतिकारियों के सम्मान का प्रश्न है.

Exit mobile version