MP News: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने सौरभ शर्मा केस (Saurabh Sharma Case) मामले में सरकार पर निशाना साधा है. राजधानी भोपाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में घोटालों पर घोटाले हो रहे हैं. सरकार इस पर बात नहीं करना चाहती. विधानसभा में इस विषय को नहीं रखना चाहती और इन घोटालों को बचाना चाहती है. इसमें कई मंत्री, अफसर और विधायक हैं जो इसमें शामिल हैं, उन्हें बचाना चाहती है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे भी मौजूद रहे.
‘जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है’
उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा की कहानी सभी जानते हैं. मध्य प्रदेश का बहुचर्चित परिवहन घोटाला है. सौरभ शर्मा को केवल पकड़ा गया और जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है. क्या सौरभ शर्मा के पास जो डायरियां मिलीं, कागज मिले या जो बयान दिए. जितने भी नाम शामिल आए, उनसे पूछताछ क्यों नहीं की? इसका अर्थ ये है कि इसमें सरकार के मंत्री हों, पूर्व मंत्री हों और अफसर हों सभी लिप्त हैं. मैं सीएम मोहन यादव जी से कहना चाहता हूं कि आप भ्रष्टाचार रोकना चाहते हैं, सौरभ शर्मा के भ्रष्टाचार की आग जल रही है. उसमें आप हाथ डालने से क्यों बच रहे हो.
सिंघार ने आगे कहा कि क्या आपके हाथ झुलस जाएंगे या आपके साथियों के हाथ झुलसेंगे. मेरा मानना है कि यदि आपकी नीयत साफ है तो आपको कार्रवाई करना चाहिए.
17 फरवरी तक ED को मिली रिमांड
ईडी ने सौरभ शर्मा, उसके दोस्त चेतन गौर और शरद जायसवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. 11 फरवरी को तीनों को PMLA कोर्ट में पेश किया गया था. जहां तीनों को 17 फरवरी तक रिमांड पर भेज दिया था.
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234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश मिला था
19 दिसंबर को लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित घर पर छापेमारी की थी. यहां से 234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी की गई थी. इसके कुछ दिन बाद IT की सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान भोपाल के मेंडोरी के जंगल से एक लावारिस कार मिली. इस कार से 54 किलो सोना बरामद हुआ था. ये कार ग्वालियर RTO में रजिस्टर्ड है. जिसका मालिक सौरभ का दोस्त चेतन गौर निकला था.
इसी कार से एक डायरी मिली थी. इसमें 100 करोड़ रुपये के लेन-देन का ब्यौरा था. प्रदेश के 52 जिलों में RTO अधिकारियों के पैसे देने का जिक्र मिला था. ED ने सौरभ पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.
कौन है सौरभ शर्मा?
सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में पूर्व आरक्षक था. उसे अपने पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. उसकी नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठे थे. नियुक्ति पत्र में सामने आया था कि उसने अपनी पारिवारिक जानकारियां छिपाई थी. पत्र में बड़े भाई का जिक्र नहीं किया था. सौरभ पर आरोप है कि उसके पास RTO नाकों से उगाही करने का जिम्मा था. इसमें कई रसूखदार लोग शामिल थे. परिवहन विभाग में उसने केवल 12 साल नौकरी की थी. नौकरी से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के बाद बिल्डर बन गया. वहीं चेतन गौर और शरद जायसवाल उसके दोस्त हैं.
