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MP News: एमपी में स्मार्ट मीटर पर बवाल, क्या हैं 11 मांगें? जिनको लेकर भोपाल में हो रहा प्रदर्शन

Protest against smart meters in MP

एमपी में स्मार्ट मीटर पर बवाल

MP News: मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर के खिलाफ उपभोक्ताओं का बढ़ता गुस्सा अब सड़कों पर खुलकर सामने आ गया है. राजधानी भोपाल के शाहजहानी पार्क में प्रदेश के विभिन्न जिलों से उपभोक्ता पहुंचे हैं और मध्य प्रदेश बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन (MECA) के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इस प्रदर्शन में उपभोक्ता 200 यूनिट बिजली फ्री देने, बिजली दरों को कम करने और स्मार्ट मीटर लगवाने की अनिवार्यता समाप्त करने सहित 11 प्रमुख मांगों को सरकार के सामने रख रहे हैं.

इस प्रदर्शन के आयोजकों का कहना है कि यह आंदोलन किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से प्रेरित नहीं है. यह पूरी तरह आम जनता के हक और जीवन की बुनियादी जरूरतों से जुड़ा आंदोलन है. आयोजकों के अनुसार, यह विरोध बढ़ती महंगाई, बिजली बिलों में अनियमितता और उपभोक्ताओं पर बढ़ते आर्थिक बोझ के खिलाफ है.

स्मार्ट मीटर का क्यों हो रहा विरोध

उपभोक्ता एसोसिएशन की संयोजक रचना अग्रवाल और लोकेश शर्मा ने बताया कि घरों में लगाए गए स्मार्ट मीटरों ने उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. प्रदेश के कई हिस्सों से शिकायतें मिल रही हैं कि जिन घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, वहां बिजली बिल पहले की तुलना में दस गुना तक बढ़ गए हैं. एसोसिएशन के अनुसार, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर जैसे बड़े जिलों में उपभोक्ता बढ़े हुए बिलों से बुरी तरह परेशान हैं.

स्थिति इतनी गंभीर है कि कई जिलों में उपभोक्ताओं को बिजली बिल भरने के लिए अपने गहने और घरेलू सामान तक बेचने पड़ रहे हैं. एसोसिएशन का कहना है कि जब तक सरकार उपभोक्ताओं की इन मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक विरोध जारी रहेगा.

स्मार्ट मीटर से बढ़ी आम लोगों की परेशानी

बिजली विभाग द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर अब उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं. ये मीटर प्रीपेड सिस्टम पर काम करते हैं, यानी पहले भुगतान करो, फिर बिजली का इस्तेमाल करो. लेकिन उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उनके बिल अचानक कई गुना बढ़ गए हैं. जहां पहले कुछ सौ रुपए में काम चल जाता था, अब हजारों रुपए देने पड़ रहे हैं.

इतना ही नहीं, भुगतान में जरा सी देरी होते ही बिजली सप्लाई तुरंत काट दी जाती है. वहीं, बिल की हार्ड कॉपी न मिलने से तकनीक से दूर ग्रामीण उपभोक्ता बेहद परेशान हैं. इसके अलावा जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, उन्हें केवल बिल भरने के लिए नया मोबाइल तक खरीदना पड़ रहा है.

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सरकार से उपभोक्ताओं की 11 मांग

स्मार्ट मीटर और महंगे बिजली बिलों से नाराज़ उपभोक्ताओं ने सरकार से 11 प्रमुख मांगें रखी हैं.

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