Vistaar Reality Check: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में कुछ दिनों पहले एक मेडिकल कॉलेज में दर्दनाक हादसा हुआ था. शिशु वार्ड मे शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद उज्जैन के चरक भवन में विस्तार न्यूज ने रियलिटी चेक किया. पढ़ें पूरी रिपोर्ट-
झांसी के हॉस्पिटल में हुए हादसे के बाद विस्तार न्यूज ने उज्जैन के अस्पताल कितने सुरक्षित हैं चेक किए. सबसे पहले संभाग के सबसे बड़े शासकीय हॉस्पिटल चरक भवन अस्पताल का रियलिटी चेक किया गया. यहां सभी वार्डों में फायर सिस्टम लगे मिले. साथ ही अग्नि स्मोक फायर सिस्टम भी एक्टिव दिखे.
दरअसल, झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आगजनी से 10 बच्चों की मौत के बाद सभी अस्पतालों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए. इसी को देखते हुए संभाग के सबसे बड़े शासकीय चरक भवन में ऐसी कोई अन्य घटना-दुर्घटना होने पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम मिले. साथ ही तीन एग्जिट प्वाइंट भी नजर आए. यहां सुरक्षा अधिकारियों ने मॉक ड्रिल करके भी बताया. बता दें कि चरक अस्पताल महिलाओं और बच्चों के लिए 2016 में बनाया गया था. यह 400 बेड का अस्पताल है और शिशु वार्ड में महिला प्रस्तुति वार्ड है.
चरक अस्पताल में ऐसे है सुरक्षा इंतजाम
चरक अस्पताल में मौजूद डॉ. निधि और वर्षा ने बताया कि हमने फायर सुरक्षा के लिए कई व्यवस्था की है. नियम के मुताबिक 10 मीटर से उपर की बिल्डिंग में फायर NOC लेना आवश्यक है. अप्रैल 2016 में इस 6 मंजिला इमारत का शुभारंभ हुआ था. सभी मंजिलों पर हमने फायर पाइप को टंकी से कनेक्ट किया है. हमारे पास स्मोक डिटेक्टर है. सभी मंजिल पर फायर एग्जिट, एसेम्बली पॉइंट की व्यवस्था असप्ताल के बाहर की हुई है. ABC TYPE के उनके पास फायर एक्सटिंगईशेर टोटल 450 बेड हैं. साथ ही बच्चों के लिए 150 बेड और गर्भवती महिलाओं के लिए 300 बेड हैं.