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Ladli Behna Yojana: लाडली बहनों के खाते में कब से आएंगे 3000 रुपये? CM मोहन यादव ने दिया बड़ा हिंट

CM Mohan Yadav

सीएम मोहन यादव

Ladli Behna Yojana: लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं को शुरू में 1000 रुपये फिर 1250 रुपये की राशि दी जा रही है. सावन माह में इसे 1500 रुपए तक कर दिया है जो दिवाली से लागू होगी. लेकिन भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस योजना को लेकर बड़ी घोषणा की है.

सीएम ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि साल 2028 तक लाडली बहन योजना के अंतर्गत महिलाओं को हर महीने 3000 रुपये दिए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इस योजना को लेकर विपक्ष ने हमेशा भ्रम फैलाया और इसे चुनावी हथकंडा बताया.

योजना का होगा चरणबद्ध विस्तार

मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि शुरुआत में लाडली बहनों को 1000 रुपये दिए गए थे. इसके बाद राशि बढ़ाकर 1250 रुपए और फिर सावन माह में 1500 रुपये की गई. इसी दिवाली से भाई दूज के बाद महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि यह राशि धीरे-धीरे 5000 रुपए तक पहुंचाई जाएगी. सीएम ने स्पष्ट किया कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता सरकार की प्राथमिकता है और लाड़ली बहन योजना को और सशक्त बनाने का कार्य निरंतर जारी रहेगा.

रोजगार और आत्मनिर्भरता की पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को केवल आर्थिक मदद ही नहीं दी जाएगी, बल्कि उन्हें रोजगार से भी जोड़ा जाएगा. उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि भोपाल में अगर कोई महिला रेडीमेड गारमेंट्स फैक्ट्री में 8 घंटे काम करेगी तो उसे 10 से 12 हजार रुपये की आमदनी होगी. इसके अलावा सरकार की ओर से 5000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होकर आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने कहा कि प्रदेश की आधी आबादी की चिंता करना सरकार की जिम्मेदारी है और इसी दिशा में योजनाएं लागू की जा रही हैं.

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योजना से मिले सकारात्मक परिणाम

सीएम यादव ने बताया कि एक आईआईटी छात्र द्वारा की गई रिसर्च में सामने आया है कि जिन घरों में लाडली बहनों को आर्थिक सहायता मिली है, वहां बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और घरेलू माहौल में सकारात्मक बदलाव आया है. महिलाएं इस राशि का सही उपयोग कर रही हैं और इसका असर पूरे समाज पर पड़ रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद दिया कि केंद्र सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाने में सहयोग दिया.

साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 2023 के बाद नए नाम न जुड़ने का जो सवाल उठ रहा है, उस पर जल्द ही रिव्यू किया जाएगा और पात्र महिलाओं को योजना में जोड़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 40 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं और इनके माध्यम से ‘लखपति बहन’ और ‘ड्रोन दीदी’ जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे महिलाएं 10 हजार रुपए से अधिक मासिक कमाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें.

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