MP News: रविवार यानी 8 दिसंबर को सियाराम बाबा के निधन की खबर आई जो बाद में फर्जी निकली. सेवकों ने जानकारी दी कि बाबा स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. डॉक्टर्स लगातार बाबा की निगरानी कर रहे हैं. आखिर कौन हैं सियाराम बाबा…आइए जानते हैं
संत सियाराम बाबा के शुरुआती जीवन को लेकर सटीक जानकारी नहीं मिलती है. कुछ लोग कहते हैं बाबा का जन्म मुंबई में हुआ था और कुछ का कहना है कि महाराष्ट्र से लगती हुई एमपी के बॉर्डर पर हुआ. इसके साथ ही उनकी जन्मतिथि को लेकर भी कोई ठोस सबूत नहीं मिलते हैं. इसी कारण बाबा की उम्र को लेकर मतभेद हैं. कोई कहता है बाबा 109 साल के हैं तो कोई 130 साल होने का दावा करता है.
खरगोन के कसरावद में नर्मदा नदी के किनारे भट्याण आश्रम है. यहीं संत सियाराम बाबा रहते हैं.
109 साल की उम्र लेकिन अभी भी बल बाकी है
सियाराम बाबा की उम्र 109 साल हो चुकी है. आज भी वे किसी साधारण इंसान की तरह रहते हैं. भगवान हनुमान के भक्त हैं. कई घंटों तक पूजा-पाठ करते हैं. गर्मी, बारिश या सर्दी हो. हर मौसम में नर्मदा नदी में स्नान करने जाते हैं.
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बिना चश्मे के पढ़ते हैं रामायण
इतनी उम्र होने के बाद भी सियाराम बाबा बिना चश्मे के रामायण पढ़ते हैं. रामभक्ति में लीन होकर दिन गुजारते हैं. कई बार वे 21 घंटों तक रामायण का पाठ किया करते हैं.
12 साल तक मौन व्रत रहे
ऐसा कहा जाता है कि 7वीं कक्षा की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर घर का त्याग कर दिया था. इसके बाद वे हिमालय तपस्या के लिए चले गए थे. हिमालय से लौटने के बाद 10 साल तक खड़े रहकर तप किया था. इसके अलावा उन्होंने 12 साल तक मौन व्रत रखा था.
भक्तों से दान में 10 रुपये लेते हैं
बाबा भक्तों से दान में 10 रुपये लेते हैं. आश्रम में चाहे जितना भी दान करो लेकिन बाबा भक्तों से 10 रुपये का दान लेते हैं. इस दान का उपयोग बाबा समाजसेवा में करते हैं. नर्मदा नदी किनारे घाट बनवाने के लिए बाबा ने लगभग 2 करोड़ रुपये दान दिए थे.