Maha Kumbh Fire: रविवार को प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र में एक बड़ा हादसा हुआ. गीता प्रेस, गोरखपुर के शिविर में अचानक आग लग गई. इस घटना में सौ से अधिक कॉटेज जलकर खाक हो गए. हालांकि, आग के कारणों को लेकर प्रशासन और गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण खेमका के बीच मतभेद सामने आए हैं. जहां प्रशासन ने सिलेंडर में रिसाव को आग का कारण बताया, वहीं खेमका का कहना है कि आग बाहर से लगाई गई थी, न कि शिविर के अंदर से.
जो हुआ, वह समझ से परे है-कृष्ण खेमका
गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण खेमका ने दावा किया कि उन्होंने शिविर में आग लगने की पूरी तरह से रोकथाम करने के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए थे. उन्होंने बताया कि गीता प्रेस और अखिल भारतीय धर्म संघ का संयुक्त शिविर महाकुंभ में था, जिसमें कुल 180 कॉटेज बनाए गए थे. उन्होंने कहा, “हमने आग से बचने के लिए बहुत सावधानी बरती थी और सभी को आग से संबंधित किसी भी कार्य से मना किया था. सब कुछ सुरक्षित था, लेकिन बाद में जो हुआ, वह समझ से परे है.”
खेमका ने बताया कि आग की शुरुआत पश्चिमी बाउंड्री के पास से हुई, जहां प्रशासन ने एक सर्कुलेटिंग एरिया घोषित किया था. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उस हिस्से को किसी और को दे दिया, जिससे वहां से आग जैसी कोई चीज़ गीता प्रेस के शिविर में आई और धीरे-धीरे पूरी कॉलोनी को अपनी चपेट में ले लिया. खेमका ने यह भी कहा कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.
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सिलेंडर से लगी आग- प्रशासन
वहीं, प्रशासन का दावा है कि आग गीता प्रेस के शिविर की रसोई में छोटे सिलेंडर से लगी थी. प्रशासन के अनुसार, चाय बनाने के दौरान सिलेंडर से रिसाव हुआ, जिससे आग लगी और दो सिलेंडर फटने से आग ने बेकाबू रूप ले लिया. इस आग में लगभग 40 झोपड़ियां और संजीव प्रयागवाल के 6 टेंट जलकर नष्ट हो गए. राहत कार्य में लगी फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीमों ने कड़ी मेहनत से आग पर काबू पाया.
इस आग में कल्पवासियों का सारा सामान जलकर नष्ट हो गया. एक महिला श्रद्धालु मामूली रूप से झुलस गई, और अफरातफरी में एक व्यक्ति गिरकर घायल हो गया. उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया. प्रशासन ने इस हादसे में जनहानि को टालने में सफलता पाई, हालांकि आर्थिक नुकसान भारी था.
हालांकि, इस घटना के बाद से महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मेला क्षेत्र में भारी भीड़ होने के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन राहत कार्य तेजी से किए गए, जिससे आग पर जल्द काबू पाया गया. कुल मिलाकर यह हादसा महाकुंभ के इतिहास में एक बड़ा हादसा बनकर उभरा है, और इसने आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
मजिस्ट्रेट की टीम कर रही है जांच
इस बीच महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने इसके लिए ADM प्रशासन और एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की टीम बनाई है. शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि आग गैस सिलेंडर में रिसाव के कारण लगी, इसके बाद धमाका हुआ. इसके चलते आग फैल गई और कई टेंट और कुटिया इसकी चपेट में आ गईं. मेला अधिकारी ने कहा कि टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
