डेटिंग साइट्स पर लड़कियां क्यों लड़कों को करती हैं रिजेक्ट? स्टडी में हुआ खुलासा
निधि तिवारी
डेटिंग ऐप पर हुई स्टडी
स्टडी में पाया गया कि पुरुष अक्सर उन महिलाओं को चुनते हैं जो उनकी अपनी अट्रैक्टिवनेस या डिजायरेबिलिटी से ऊपर होती हैं. यानी पुरुष ‘हाई स्टैंडर्ड’ वाली महिलाओं को प्राथमिकता देते हैं, जिससे रिजेक्शन की संभावना बढ़ जाती है.इसके विपरीत, महिलाएं आमतौर पर उन पुरुषों को चुनती हैं जो उनकी अट्रैक्टिवनेस के स्तर के करीब हों. महिलाएं अधिक रियलिस्टिक होती हैं और ऐसे पुरुषों को पसंद करती हैं जो उनकी प्रोफाइल से मेल खाते हों. पुरुष अक्सर शिकायत करते हैं कि महिलाएं बहुत ‘पिकी’ (नखरे वाली) होती हैं और जल्दी राइट स्वाइप नहीं करतीं. लेकिन स्टडी बताती है कि रिजेक्शन का कारण महिलाओं का अति-चयनात्मक होना नहीं, बल्कि पुरुषों का अपनी रीच से बाहर जाना है. यह रिसर्च लगभग 3,000 से 5,000 हेट्रोसेक्शुअल यूजर्स पर की गई, जो एक चेक डेटिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे. इससे डेटिंग ऐप्स पर पुरुषों और महिलाओं के व्यवहार में स्पष्ट अंतर सामने आया. स्टडी के मुताबिक, महिलाएं उन पुरुषों को प्राथमिकता देती हैं जो उनकी प्रोफाइल के समान स्तर के हों. यह उनके चयन को अधिक व्यावहारिक और संतुलित बनाता है. स्टडी से सबसे बड़ी सीख यह है कि डेटिंग ऐप्स पर सफलता के लिए रियलिस्टिक रहना जरूरी है. पुरुषों को अपनी अपेक्षाओं को वास्तविकता के करीब रखना चाहिए ताकि रिजेक्शन की संभावना कम हो. डेटिंग साइट्स पर व्यवहार को सांस्कृतिक और सामाजिक कारक भी प्रभावित करते हैं. भारत जैसे देशों में, जहां डेटिंग का चलन बढ़ रहा है, लोग अब भी पारंपरिक और आधुनिक मूल्यों के बीच संतुलन बनाते हैं, जो उनके चयन को प्रभावित करता है. डेटिंग साइट्स पर रिजेक्शन केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि आर्थिक जोखिम भी ला सकता है. कुछ मामलों में, पुरुष और महिलाएं दोनों ही स्कैम का शिकार हो सकते हैं, जैसे महंगे बिल या भावनात्मक ठगी.