Adhik Maas Ka Mahatva: हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2026 बेहद दुर्लभ संयोग लेकर आ रहा है. इस साल कैलेंडर में ज्येष्ठ महीना दो बार पड़ेगा, जिसकी वजह से पूरा साल 13 महीनों का बन जाएगा. ऐसा अवसर बहुत कम देखने को मिलता है, जब चांद और सूरज के समय चक्र में संतुलन बनाने के लिए एक अतिरिक्त माह जोड़ा जाता है. इस अतिरिक्त माह को अधिकमास या पुरुषोत्तम मास कहा जाता है. जहां सामान्य कैलेंडर की शुरुआत 1 जनवरी से होती है, वहीं हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होता है.
2026 में पहले ज्येष्ठ और फिर आएगा अधिकमास वाला ज्येष्ठ
2026 में पहले सामान्य ज्येष्ठ और फिर अधिकमास वाला ज्येष्ठ आएगा. दोनों मिलकर लगभग 58 से 59 दिन की अवधि बनाएंगे. चंद्र वर्ष 354 दिनों का और सौर वर्ष 365 दिनों का होता है, जिसके चलते हर साल करीब 11 दिनों का अंतर बढ़ जाता है. यदि समय-समय पर इस अंतर को समायोजित न किया जाए, तो पर्व-त्योहार और ऋतुओं का क्रम बिगड़ सकता है. इसी असंतुलन को दूर करने के लिए करीब हर 32 महीने 16 दिन बाद पंचांग में एक अतिरिक्त माह जोड़ दिया जाता है.
भगवान विष्णु का होता है प्रिय महीना
आगामी अधिकमास 17 मई 2026 से 15 जून 2026 तक चलेगा. इसे भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना गया है और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ समझा जाता है. इस दौरान जप, तप, दान, व्रत, तीर्थस्नान और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करने से विशेष फल मिलता है. इसी वजह से इसे पुरुषोत्तम मास के नाम से सम्मान दिया जाता है. हालांकि इतना पवित्र होने के बावजूद इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करने, भूमि पूजन या नामकरण जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते. मान्यता है कि यह समय सांसारिक कार्यों से अधिक ईश्वर की उपासना और आत्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है.
हिंदी पंचांग चंद्र और सूर्य की गणनाओं पर होता है आधारित
हिंदी पंचांग चंद्र और सौर दोनों प्रकार की गणनाओं पर आधारित होता है. इसमें महीनों की गणना चंद्रमा के 12 राशियों में भ्रमण से तय होती है. चंद्रमा लगभग 28–29 दिनों में एक माह पूरा करता है, इसलिए चंद्र वर्ष लगभग 354.36 दिनों का बनता है.
वहीं सूर्य प्रत्येक राशि में लगभग 30.44 दिन रहता है और इस आधार पर सौर वर्ष 365.28 दिनों का होता है. चंद्र और सौर वर्ष के बीच करीब 11 दिनों का अंतर पड़ता है, जो तीन साल में मिलकर लगभग एक महीने जितना हो जाता है. इसी अंतर को संतुलित करने के लिए पंचांग में एक अतिरिक्त महीना जोड़ दिया जाता है, जिसे अधिकमास कहा जाता है.
(डिस्क्लेमर: यह खबर धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिष शास्त्र और पंचांग आधारित जानकारी पर लिखी गई है. इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है. विस्तार न्यूज किसी भी ज्योतिषीय दावे की पुष्टि नहीं करता है.)
