Dhanteras sona chandi kharidne ka samay: इस साल कई त्योहारों को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन बना हुआ है. ऐसा ही कंफ्यूजन धनतेरस को लेकर भी है. कुछ लोग धनतेरस की तारीख 18 अक्टूबर बता रहे हैं तो कुछ लोग 19 अक्टूबर को इसे मनाने की बात कह रहे हैं. ज्योतिष शास्त्रों का कहना है कि त्योहारों को मनाने के लिए पंचांग की जानकारी होना जरूरी होता है. ऐसे में धनतेरस को लेकर पंचांग में क्या सही तारीख है और मुहूर्त क्या है, इसे जानते हैं.
धनतेरस पर खरीदारी का बड़ा महत्व
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार धनतेरस का पर्व कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. भारतीय शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन शाम में माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने उनके घर जाते हैं. यही कारण है कि इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा की जाती है. धनतेरस के दिन लोगों में खरीदारी को लेकर बहुत उत्साह देखने को मिलता है. इस दिन लोग सोना, चांदी, वाहन, मकान, दुकान, प्रॉपर्टी आदि की खरीदारी करते हैं. लेकिन इन सभी खरीदारी के लिए सही मुहूर्त और तिथि का पता होना जरूरी होता है.
धनतेरस की सही तिथि क्या है
इस साल धनतेरस को लेकर कई लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है. लेकिन इसकी सही तारीख क्या है, इसको जानिए. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर यानी शनिवार को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी. यानी 18 अक्टूबर से ही धनतेरस का योग बन रहा है. वहीं त्रयोदशी तिथि 19 अक्टूबर रविवार को दोपहर 1 बजकर 51 मिनट तक रहेगी. पंचांग के अनुसार धनतेरस के लिए शुभ मुहूर्त 18 अक्टूबर शनिवार को 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 19 अक्टूबर रविवार को दोपहर 1 बजकर 51 मिनट तक रहेगा.
धनतेरस पर यम दीपम का सही समय
धनतेरस पर यम दीपम का शुभ समय प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद का माना जाता है. इस समय में यम के लिए दीपक जलाए जाते हैं. धनतेरस पर यम दीपम का सही समय शाम 5 बजकर 48 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. इसी दौरान घरों के बाहर और अंदर दीपक जलाए जाते हैं. धनतेरस के दिन दक्षिण दिशा में यमराज के लिए दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि यमराज के लिए दीपक लगाने से परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु नहीं होती है, क्योंकि यमराज मृत्यु के देवता हैं और वही मृत्यु से सुरक्षा देते हैं.
(डिस्क्लेमर: यह खबर धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिष शास्त्र और पंचांग आधारित जानकारी पर लिखी गई है. इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है. विस्तार न्यूज किसी भी ज्योतिषीय दावे की पुष्टि नहीं करता है.)
