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Ganesh Chaturthi Moon Story: आखिर क्‍यों गणेश चतुर्थी के दिन नहीं देखना चाहिए चांद, वजह जान हो जाऐंगे हैरान

Ganesh Chaturthi moon sighting

गणेश चतुर्थी

Ganesh Puja 2025: गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन गणेश जी की स्थापना और पूजा का विशेष महत्व होता है. लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार इस पर्व पर चंद्र दर्शन को अशुभ माना गया है, क्योंकि पौराणिक कथा बताती है कि गणेश जी के श्राप के कारण चतुर्थी के दिन चांद देखने से व्यक्ति पर झूठे आरोप लग सकते हैं.

क्‍या है इसका रहस्‍य

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार चंद्रमा ने भगवान गणेश का उपहास किया था. इससे क्रोधित होकर गणेश जी ने उन्हें श्राप दिया कि इस दिन जो भी व्यक्ति चांद देखेगा, उसे मिथ्‍या दोष का सामना करना पड़ेगा. उस व्‍यक्ति पर झूठा आरोप लगेगा और उसे कलंकित होना पड़ेगा. इसी कारण इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने की परंपरा चली आ रही है.

दोष से बचने के उपाय

अगर कोई गलती से इस दिन चांद देख ले, तो मिथ्या दोष से बचने के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं. भक्त गणेश जी के निमित्त व्रत रखकर उन्हें पांच प्रकार के फल अर्पित करें. जरूरतमंदों को फल, अनाज, सोना या चांदी जैसी वस्तुओं का दान करें. इसके अलावा श्रीकृष्ण और जाम्बवंत से जुड़ी स्यमंतक मणि की कथा सुनने से भी दोष का प्रभाव कम होता है.

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मंत्र और नामजप का महत्व

चंद्रदर्शन का दोष दूर करने के लिए एक विशेष मंत्र का उल्लेख मिलता है. यह मंत्र इस प्रकार है –

“सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मरोदिस्तव ह्येषा स्यमन्तकः॥”

इसके अलावा अष्टमी तिथि को गणेश जी के 12 नामों का जप करना भी शुभ माना जाता है. ये नाम हैं – वक्रतुंड, एकदंत, कृष्णपिंगाक्ष, गजवक्त्र, लंबोदर, विकट, विघ्नराजेन्द्र, धूम्रवर्ण, भालचंद्र, विनायक, गणपति और गजानन.

तिथि और समय का ध्यान रखें

इस साल गणेश चतुर्थी बुधवार, 27 अगस्त को मनाई जा रही है. चतुर्थी तिथि 26 अगस्त दोपहर 1:54 बजे से शुरू होकर 27 अगस्त दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी. द्रिक पंचांग के अनुसार पूजा का शुभ समय 27 अगस्त को सुबह 11:05 से दोपहर 1:40 बजे तक है. चंद्रदर्शन वर्जित समय 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे से रात 8:29 बजे तक और 27 अगस्त को सुबह 9:28 बजे से रात 8:57 बजे तक रहेगा. इस दौरान चांद देखने से बचना चाहिए.

(डिस्क्लेमर: यह खबर धार्मिक मान्यताओं, लोककथाओं और पंचांग आधारित जानकारी पर लिखी गई है. इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है. विस्तार न्यूज किसी भी ज्योतिषीय दावे की पुष्टि नहीं करता है.)

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