Hathras Stampede Case Update: हाथरस हादसें रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक 40 पुलिसकर्मियों और 2 एंबुलेंस, एक डॉक्टर और कुछ अधिकारियों पर ही लगभग ढाई लाख लोगों की भीड़ की जिम्मेदारी थी. सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद से पुलिस इस सत्संग के आयोजक समेत बाबा से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. ऐसे में प्रशासन पर भी कई सवाल उठ रहे हैं. सवाल ये भी है कि क्या हाथरस भगदड़ को रोका जा सकता था.
लोगों आती की भीड़ से प्रशासन बेखबर
हादसे के बाद से बाबा फरार है. ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि प्रशासन ने समय से सत्संग को लेकर समय से मुआयना किया होता तो भगदड़ में हुई सौ से ज्यादा मौतों को टाला जा सकता था. सूत्रों से मुताबकि करिब 15 दिनों से सत्संग की तैयारी चल रही थी. वहीं यूपी से लेकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड जैसे राज्यों से लोगों का आना भी शुरू हो गया था. जानकारी के मुताबिक, सत्संग शुरू होने के कुछ दिनों पहले से ही लगभग 500 सौ बड़ी गाड़ियां यहां पहुंच चुकी थी. फिर भी प्रशासन ने इन तैयारियों को अनदेखा कर दिया.
इंटेलिजेंस यूनिट की इनपुट भी नजरअंदाज
प्रशासन ने अपनी ओर से 80 हजार लोगों की आने की बात कही. सूत्रों के मुताबिक, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने पहले इस बात की खबर दे दी थी कि भीड़ हद से ज्यादा बढ़ रही है. इसके बाद भी प्रशासन की ओर से भीड़ को रोकने के लिए कोई खास इंतजाम नहीं किए गए. वहीं सिर्फ 40 पुलिस कर्मियों के सहारे भीड़ को आने दिया गया. सीनियर पुलिस ऑफिसर और जानकारों कहना है कि इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए कम से कम से कम सौ पुलिस वालों की तैनाती होनी चाहिए. मेडिकल अरेंजमेंट के नाम पर सिर्फ 2 एंबुलेंस मौके पर थी. ऐसे में जब हादसा हुआ तो अलग-अलग जिलों से एंबुलेंस को बुलाया गया.