Raksha Bandhan: देश भर में आज रक्षाबंधन का त्योहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है. राखी भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती और रक्षासूत्र बांधती हैं और भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं. बदले में भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा के वचन के साथ साथ ढेर सारे उपहार भी देता है. बता दें कि वैदिक पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है.
लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर अमंगल रूपी भद्रा की छाया है. गौरतलब है कि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भद्रा में कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. राखी हमेशा भद्राकाल के बीत जाने के बाद ही बांधी जाती है. अगर आपके मन में भी भद्राकाल और राखी बांधने के शुभ मुहूर्त को जानना है तो पूरी खबर पढ़ें.
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कब है भद्रा नक्षत्र
भद्रा नक्षत्र हिंदू धर्म के मुताबिक बहुत ही अशुभ मन जाता है. इस नक्षत्र में कोई भी काम करना अशुभ माना जाता है. इस साल रक्षाबंधन के दिन भी भद्राकाल रहने वाली है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष भद्रा नक्षत्र रात 2 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसका अंत दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर होगा. साथ नक्षत्रों के गणना के मुताबिक सुबह 09 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 53 मिनट तक भद्रा पूंछ रहेगी और सुबह 10 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक भद्रा मुख रहेगा.
सावन का चौथा सोमवार
गौरतलब है कि भगवान शिव का पवित्र महीना भी चल रहा है और आज सावन का चौथा सोमवार है. देश भर के शिव मंदिरों में भगवान शिव पर जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी हुई है. सावन के चौथा सोमवार के अवसर पर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की भस्म आरती के साथ विशेष पूजा भी हुई. वहीं यूपी के वाराणसी में स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में भी भोले नाथ की विशेष पूजा अर्चना की गई. बता दें कि रक्षाबंधन का त्योहार सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है.