Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि महापर्व देवी दुर्गा की आराधना और उनके नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना के लिए जाना जाता है. इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर 2024 तक चलेगा. नौ दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव के दौरान उपवास, मंत्र जप, और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की परंपरा होती है. इस दौरान हर घर में कलश स्थापना, अखंड ज्योति, और कन्या पूजन जैसे धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं.
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन, जिसे प्रतिपदा तिथि के रूप में जाना जाता है, घटस्थापना की जाती है. यह नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक होता है. घटस्थापना का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और इसे शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है. इस साल 2024 में घटस्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त बताए गए हैं. पहला मुहूर्त 3 अक्टूबर की सुबह 6:30 बजे से 7:31 बजे तक रहेगा. अगर आप इस समय घटस्थापना नहीं कर पाते हैं, तो दूसरा अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:03 बजे से 12:51 बजे तक रहेगा. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, जो देवी दुर्गा का पहला रूप हैं.
देवी दुर्गा के नौ स्वरूप और उनकी पूजा
नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. हर स्वरूप का अपना विशेष महत्व और आराधना विधि होती है.
1. पहला दिन (3 अक्टूबर 2024) – मां शैलपुत्री
नवरात्रि की शुरुआत मां शैलपुत्री की पूजा से होती है, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री मानी जाती हैं. ये देवी दुर्गा का पहला रूप हैं और इनकी पूजा जीवन में स्थिरता और शक्ति के लिए की जाती है.
2. दूसरा दिन (4 अक्टूबर 2024) – मां ब्रह्मचारिणी
इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है, जो तपस्या और साधना की प्रतीक हैं. इनकी आराधना से व्यक्ति के जीवन में संयम और आत्मबल बढ़ता है.
3. तीसरा दिन (5 अक्टूबर 2024) – मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा का यह रूप शांति और साहस का प्रतीक हैं. इनके माथे पर चंद्रमा की अर्धचंद्राकार आकृति होती है, जिससे इनका नाम पड़ा. इनकी पूजा से मनुष्य के जीवन से भय दूर होता है.
4. चौथा दिन (6 अक्टूबर 2024) – मां कूष्मांडा
मां कूष्मांडा सृजन और ऊर्जा की देवी मानी जाती हैं. इनके भक्तों को स्वास्थ्य, समृद्धि, और सकारात्मकता की प्राप्ति होती है.
5. पांचवा दिन (7 अक्टूबर 2024) – मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता की पूजा से माता-पिता को संतान सुख और परिवार में सुख-शांति मिलती है. इनकी गोद में भगवान कार्तिकेय बैठे होते हैं, जिन्हें स्कंद भी कहा जाता है.
6. छठा दिन (8 अक्टूबर 2024) – मां कात्यायनी
मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है. इनकी आराधना से व्यक्ति को साहस और युद्धक क्षमता प्राप्त होती है.
7. सातवां दिन (9 अक्टूबर 2024) – मां कालरात्रि
मां कालरात्रि का रूप अत्यंत भयानक होते हुए भी भक्तों के लिए कल्याणकारी हैं. इनकी पूजा से सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
8. आठवां दिन (10 अक्टूबर 2024) – मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं. इनकी आराधना से व्यक्ति को सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.
9. नौवां दिन (11 अक्टूबर 2024) – मां महागौरी
मां महागौरी श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और इनकी पूजा से व्यक्ति के सभी पाप और दुख दूर हो जाते हैं. इनकी आराधना से जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है.
दुर्गा विसर्जन
नवरात्रि के अंतिम दिन यानी 12 अक्टूबर 2024 को विजयदशमी मनाई जाएगी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है. इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है और बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में रावण दहन किया जाता है.
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