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माघ पूर्णिमा पर 13 साल बाद बना दुर्लभ संयोग, जानें शुभ मुहूर्त, इन राशियों की चमकने वाली है किस्मत

Magha Purnima

माघ पूर्णिमा

Magha Purnima 2024: माघ माह की पूर्णिमा तिथि बेहद खास मानी जाती है. इस साल माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 को है. वैसे तो हर महीने की पूर्णिमा पूजा-पाठ के दृष्टिकोण से खास मानी जाती है, लेकिन माघ मास की पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है.ये साल में एक बार आती है. इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत महत्व माना जाता है.लेकिन इस साल माघ पूर्णिमा पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं. माघ माह में किये जाने वाले पवित्र स्नान और तप की महिमा का वर्णन किया धर्म ग्रंथो में किया गया है.

13 साल बाद माघ पूर्णिमा पर दुर्लभ संयोग

ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार इस साल माघ पूर्णिमा पर 13 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बना है इस दिन वैधृति योग पूर्वा फाल्गुनी, माघ नक्षत्र और कुंभ राशि में सूर्य-बुध साथ मलिकर बुधादित्य योग का निर्माण कर रहे हैं. साथ ही चंद्रदेव सिंह राशि में उपस्थित रहेंगे. जिससे माघ पूर्णिमा पर कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है. 

इन राशियों की चमक सकती है किस्मत

-मेष राशि 

-मिथुन राशि 

-सिंह राशि 

-तुला राशि 

इन सभी राशियों के लिए माघ पूर्णिमा पर पढ़ने वाला शुभ संयोग शुभ होने वाला है.

माघ पूर्णिमा 2024 का शुभ मुहूर्त

माघ पूर्णिमा तिथि 23 फरवरी 2024 को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 24 फरवरी को शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि को देखते हुए माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 को मनाई जा रही. इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 11 बजकर से सुबह 6 बजकर 02 मिनट तक है. 

माघ पूर्णिमा के दिन करें इन चीजों का दान

-इस दिन प्रात: भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद कन्याओं को खीर खिलाना शुभ माना जाता है.

-माघ पूर्णिमा के दिन गरीबों को गर्म कपड़ों और गुड़ का दान करें. ऐसा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन का लाभ मिलता है.

-इस दिन आप अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी मंदिर में या गरीबों को अन्न का दान करें. 

-माघ पूर्णिमा के दिन आप दक्षिणा का दान भी कर सकते हैं. इसका शुभ फल इंसान को कई गुना होकर वापस मिलता है.

माघ पूर्णिमा के दिन करें ये काम

पवित्र नदी में स्नान कर सूर्यदेव को अर्घ्य जरुर दें. साथ ही ऊं नमो नारायणाय नम: मंत्र का जाप अवश्य करें. माघ पूर्णिमा पर चंद्रमा और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है.  इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही माघ पूर्णिमा पर रात में चंद्रोदय के समय चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है. साथ ही इस दिन फल, गुड़, घी, वस्त्र, अनाज का दान जरुर करें. इस दिन जरुरतमंदों को जरुरत की चीजें दें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उनका आशीर्वाद लें.

प्रयागराज में होगा माघ कल्पवास का समापन

माघी पूर्णिमा कल (शनिवार) संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी. संगम तट पर करीब 40 लाख श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा सकते हैं. माघ मेले का पांचवां और प्रमुख स्नान होगा. माघ पूर्णिमा पर स्नान के साथ एक महीने से चल रहे कल्पवास का समापन हो जाएगा.बता दें कि माघ पूर्णिमा का स्नान पर्व के साथ माघ मेला क्षेत्र तकरीबन खाली हो जाएगा. हालांकि माघ मेले का औपचारिक समापन 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर होगा.  माघ पूर्णिमा का स्नान ब्रह्म मुहूर्त यानी भोर में तीन बजे से ही शुरू हो जाएगा. प्रयागराज में माघ मेले की शुरुआत 14 फरवरी को मकर संक्रांति से हुई थी.

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