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Solar Eclipse 2025 Astrology: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को, जानें किन राशियों पर होगा असर

Solar eclipse 2025 astrology prediction

सूर्य ग्रहण सांकेतिक तस्‍वीर

Surya Grahan 2025 Rashifal: 21 सितंबर 2025 को इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है. खगोल विज्ञान की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, वहीं ज्योतिष के अनुसार इसका प्रभाव राशियों, वातावरण और मानव जीवन पर भी देखा जाएगा. इस दिन सूर्य कन्या राशि में रहेंगे और नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी होगा. खास बात यह है कि उसी समय कन्या राशि में चंद्रमा और बुध भी उपस्थित रहेंगे, जिससे बुधादित्य योग बनेगा. ग्रहों की स्थिति पर नजर डालें तो उस दिन शनि मीन राशि में, गुरु मिथुन में, मंगल तुला में, जबकि शुक्र और केतु सिंह राशि में तथा राहु कुंभ राशि में रहेंगे.

किन राशियों को मिलेगा लाभ और किन्हें रहना होगा सावधान?

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह ग्रहण मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए शुभ संकेत लेकर आ सकता है. इन जातकों को करियर में तरक्की, आर्थिक उन्नति और कार्यक्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं. कुछ लोगों के जीवन में नए अवसर और आय के नए स्रोत मिल सकते हैं. पारिवारिक रिश्तों में आई दूरियां भी इस समय कम हो सकती हैं और सेहत का स्तर संतुलित रहेगा.

वहीं, वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला और कुंभ राशि के लिए यह ग्रहण चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. इन राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं. पारिवारिक जीवन में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. मेहनत के बावजूद अपेक्षित परिणाम न मिलने से निराशा घेर सकती है. इस दौरान धन संबंधी कोई बड़ा निर्णय लेने से बचना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार इन जातकों को सूर्य मंत्र का जाप, योग और ध्यान करने की सलाह दी जाती है ताकि नकारात्मक असर कम हो सके.

कब और कहां दिखाई देगा ग्रहण?

यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 21 सितंबर की रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और 22 सितंबर को सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा. इसका कुल समय लगभग 4 घंटे 24 मिनट का रहेगा. ग्रहण का चरम समय 22 सितंबर की रात 1 बजकर 11 मिनट पर होगा. यह आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. न्यूजीलैंड, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण प्रशांत के कुछ हिस्सों में लोग इसे देख सकेंगे. डुनेडिन जैसे स्थानों पर सूरज का करीब 72 प्रतिशत भाग ढका हुआ नजर आएगा.

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ग्रहण का आध्यात्मिक महत्व

हिंदू धर्म और ज्योतिष में सूर्य ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है, जबकि विज्ञान इसे केवल खगोलीय घटना बताता है. आध्यात्मिक दृष्टि से इस समय ध्यान और साधना के लिए विशेष स्थिति बनती है, क्योंकि सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होने से मन और शरीर का संतुलन मजबूत होता है. ध्यान और प्रार्थना से मानसिक शांति और ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है. यह समय बुरी आदतों और नकारात्मक सोच को त्यागने का भी संदेश देता है, ताकि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और नए अवसरों का स्वागत किया जा सके.

(डिस्क्लेमर: यह खबर धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिष शास्त्र और पंचांग आधारित जानकारी पर लिखी गई है. इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है. विस्तार न्यूज किसी भी ज्योतिषीय दावे की पुष्टि नहीं करता है.)

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