Diwali Special: दिवाली के त्योहार में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा का एक खास महत्व है. इस खास पूजा के लिए हम गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां भी खास लाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि मूर्तियों को खरीदने से पहले हमें कुछ जरूरी नियमों को ध्यान में रखना चाहिए.
सनातन धर्म में माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व
दिवाली पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा होती है. जिसका हमारे सनातन धर्म में अधिक महत्व है. जहां माता लक्ष्मी धन, संपत्ति और समृद्धि की देवी हैं. माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से हमारे घर और जीवन में सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है. वहीं भगवान गणेश बुद्धि, विवेक और विघ्नों को दूर करने वाले देवता हैं. प्रत्येक सुअवसर से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इसलिए दिवाली के त्योहार पर हर घर में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियों को एक विशेष स्थान पर स्थापित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है.
माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों से पहले कुछ नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए. आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं.
गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां अलग-अलग होनी चाहिए
दिवाली पर गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों को खरीदते समय ये जरूर ध्यान देना चाहिए कि दोनों की मूर्तियां जुड़ी हुई न हों. अलग-अलग होनी चाहिए.
हाथ में मोदक लिए हुए गणेश जी
गणेश भगवान की मूर्ति लेते समय ये विशेष ध्यान देना चाहिए कि उनके हाथ में मोदक हो. मोदक को भगवान गणेश का प्रिय भोजन मानते हैं. साथ ही मोदक को ज्ञान, आनंद और भौतिक-सामाजिक समृद्धि का प्रतीक भी मानते हैं.
कमल के फूल पर विराजमान हों मां लक्ष्मी
अक्सर लोग उल्लू पर विराजी हुईं मां लक्ष्मी की मूर्ति ले आते हैं, लेकिन उल्लू पर विराजी मां लक्ष्मी को मां काली का प्रतीक मानते हैं. इसलिए हमें कमल के फूल पर विराजमान मां लक्ष्मी की मूर्ति लानी चाहिए. कमल का फूल शुद्धता, सुंदरता और स्थिर समृद्धि का प्रतीक है. कमल के फूल पर विराजी मां लक्ष्मी को ज्ञान-समृद्धि का प्रतीक मानते हैं.
मां लक्ष्मी की मुद्रा का रखें विशेष ध्यान
जब भी मां लक्ष्मी की मूर्ति खरीदें इस चीज का विशेष ध्यान दें कि मां का दाहिना हाथ वरमुद्रा में हो और बाएं हांथ से सोने की वर्षा हो रही हो. मां की इस मुद्रा का संकेत होता है कि मां अपने भक्तों पर धन-वैभव की वर्षा कर रहीं हैं. साथ ही मां लक्ष्मी की खड़ी मुद्रा वाली मूर्ति नहीं लेनी चाहिए. शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी की खड़ी मूर्ति जाने का संकेत देती है.
मिट्टी के गणेश-लक्ष्मी की पूजा शुभ होती है
भगवान गणेश का वर्ण लाल और सफेद होता है. लाल रंग को ऊर्जा, उत्साह और शक्ति तो सफेद रंग को शांति, पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. दिवाली पर लाल या सफेद वर्ण के गणेश भगवान का पूजन मंगलदायक माना जाता है.
धर्मशास्त्रों के अनुसार मिट्टी का निर्माण प्रभु ब्रह्मा ने किया था, इसलिए मिट्टी को सृष्टि का मूल तत्व भी माना जाता है. शास्त्रों में ये भी स्पष्ट है कि मिट्टी से बनी मूर्ति की पूजा फलदायी होती है, क्योंकि मिट्टी पंचतत्वों से भरपूर होती है. गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति अगर कुंए, तालाब या गौशाला की मिट्टी से बनी हो तो उसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है.
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