Maha Shivratri: इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. महाकाल नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि मनाई जाती है. बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक मात्र महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है जहां शिव नवरात्रि मनाई जाती है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में 9 दिनों तक भगवान महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है. महाशिवरात्रि पर्व पर कुछ ऐसी भी परंपरा है जो 30 ज्योतिर्लिंग को दूसरे ज्योतिर्लिंगों से अलग करती है. महाकालेश्वर मंदिर में इस बार 51 हजार दीपक जलाए जाएंगे.
क्यों मनाई जाती है शिव नवरात्रि
कहा जाता है कि जैसे मां की आराधना और शक्ति की उपासना के लिए नवरात्रि साल में चार बार मनाई जाती है. वैसे ही शिव साधना के लिए शिव नवरात्रि मनाई जाती है. 12 ज्योतिर्लिंग के अलावा कई शिव मंदिरों में विशेष रुप शिवनवरात्रि मनाई जाती है. हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से त्रयोदशी के दिन तक शिव नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है.
दूल्हे के रूप में बाबा का होता श्रृंगार
शिव नवरात्रि के दौरान बाबा भोलेनाथ को 9 दिन तक दूल्हा बनाया जाता है. महाकाल मंदिर में भी विशेष सजावट की जाती है. इतना ही नहीं महाशिवरात्रि का पर्व शिव विवाह को लेकर प्रतीकात्मक रूप में मनाया जाता है. इसके अलावा विवाह समारोह के बाद भोज का भी आयोजन होता है. भगवान महाकाल को हल्दी लगाई जाती है. ये परंपरा सिर्फ दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में ही देखने को मिलती है.
9 दिन, 9 रुप
बाबा महाकाल का 9 दिन अलग-अलग श्रृंगार किया जाता है. पहले दिन बाबा महकाल का चंदन से श्रृंगार किया जाता है. दूसरे दिन बाबा का शेषनाग के रुप में श्रृंगार किया जाता है. तीसरे दिन घटाटोप श्रृंगार तो चौथे दिन छबीना श्रृंगार होता है. वहीं पांचवें दिन होलकर रूप, छठें दिन मनमहेश के रुप में बाबा का श्रृंगार होता है. वहीं सातवें दिन उमा महेश, आठवें दिन शिव तांडव श्रृंगार किया जाता है. जबकि नौवें दिन यानी महाशिवरात्रि के दिन बाबा महाकाल का सप्तधान रुप में श्रृंगार कर फल और फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा.